पाकिस्तान के कंधे पर कांग्रेस

Rahul Gandhi with Sonia
कांग्रेस पाकिस्तान के कंधे पर !
एक अंग्रेजी न्यूज़ चैनल “टाइम्स नाउ” ने हाल फिलहाल हुए देश में उग्र विरोध प्रदर्शनों हिंसक आंदोलनों पर एक रिपोर्ट प्रसारित की, जो न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण और आश्चर्यचकित करने वाली थी अपितु आँखे खोल देने वाली भी थी।

इस रिपोर्ट में ये उजागर किया गया कि पिछले 4 वर्षों में देश में हुए विभिन्न सरकार विरोधी व मोदी विरोधी आंदोलनों को सोशल मीडिया पर फैलाकर जनता को आंदोलित व भ्रमित करने वाले सर्वाधिक पोस्ट व ट्वीट्स भारत से नहीं बल्कि पाकिस्तान से किये जा रहे थे। स्थिति ये थी की विरोध प्रदर्शनों के समय ट्विटर के ट्रेन्डिंग हैशटैगस में 9 लाख इम्प्रेशन्स में से 86% पाकिस्तान से आये थे।

अब आपको भी अचरज होगा की जब आंदोलन भारत में हो रहा है तो भला पाकिस्तान में बैठे लोग क्यों सोशल मीडिया द्वारा उन विषयों में कूदेंगे?, आखिर भारत के विषयों से पाकिस्तान का क्या सरोकार? वहां तो हिन्दू नगण्य संख्या में हैं, जो हैं वो खुद ही प्रताड़ित हैं और भारत में आकर बसना चाहते हैं। तो फिर भला वो भारत सरकार विरोधी ट्वीट व् पोस्ट क्यों करेंगे, उन्हें न तो आरक्षण से मतलब न भीमा कोरेगांव से? किन्तु सामने आये आंकड़े तो यही कह रहे हैं कि ये सत्य है, और ये सोशल मीडिया पोस्ट, ट्वीट्स व् ट्रेंड्स पकिस्तान से जनरेट हुए है।

यदि आपको समझने में समस्या हो रही है, तो चलिए अब आपको पाकिस्तान के रणनीतिक विशेषग्य व अमिरिका में रहे पाकिस्तानी राजदूत तारिक पीरज़ादा की 2015 में कही बात याद दिलाते हैं। तारिक पीरज़ादा ने भारतीय विपक्षी पार्टियों को सुझाव दिया की "राहुल-केजरीवाल, हिंदुत्व को कमज़ोर करने व मोदी को सत्ता से हटाने के लिए भारत के हिन्दू वोटर्स को विभिन्न जातियों में बाँट दें"।

अब ये तो हम सभी जान चुके हैं कि किसान, दलित, आरक्षण व् अन्य विषयों के नाम पर जो आंदोलन हुए उनका नेतृत्व परोक्ष व अपरोक्ष रूप से कांग्रेस, उसके सहयोगी दल व कार्यकर्त्ता करते पाए गए। इन हिंसक आंदोलनों में हिंसा का नग्न नृत्य हुआ। लोग मारे गए सरकारी व निजी सम्पत्ति की हानि हुई, और बाद में जाँच द्वारा जो लोग पकड़े गए उनमें बहुत से कांग्रेस के कार्यकर्ता व विधायक थे। उद्देश्य था कि हिंसा से सामान्य भारतवासी व्यथित हों, दलित, किसान व आरक्षित वर्ग व सामान्य वर्ग में वैमनस्यता उत्पन्न हो।

आपको याद होगा कैसे कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीदमणिशंकर अय्यर कई बार पाकिस्तान होकर आये और इन लोगों ने तो वहां जाकर बकायदा पाकिस्तान से अनुरोध किया कि "मोदी को सत्ता से हटाइये, और हमे ले आइये"। इसका सीधा सा अर्थ था कि कांग्रेस ने सत्ता कि प्राप्ति के लिए सीधे भारत व हिंदुओं के शत्रु पाकिस्तान से ही हाथ मिला लिया और उन्ही से सहायता भी मांग ली। इसके अलावा अब तो पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन भी कांग्रेस के समर्थन में बकायदा बयान जारी कर रहे हैं, और जो डाटा निकल के आया है, वो तो इसी ओर इशारा कर रहा है कि पाकिस्तान की पूरी साइबर टीम भारत में जातीय दंगे, हिंसा, समाज में वैमनस्यता फैलाने में कांग्रेस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और न केवल कांग्रेस को पूरा सहयोग दे रही है अपितु कांग्रेस का मार्गदर्शन भी कर रही है।

सच्चाई ये है कि मोदी ने जहाँ एक ओर कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर कांग्रेस की लूट व सत्ता का अनैतिक लाभ लेने व मनमानी पर रोक लगवा दी है, वही दुनिया भर में पाकिस्तान को अलग थलग कर उसके कुकर्मों व आतंकवाद को प्रायोजित करने की प्रवृत्ति भी उजागर कर दी है। ये सब जानते हैं कि मोदी सत्ता में केवल हिंदुओं के सहयोग, और उनके वोट के कारण पहुंचे है, अर्थात मोदी की वास्तविक शक्ति हिन्दू और हिंदुओं के वोट है।

अतः अब पाकिस्तान और कांग्रेस मिलकर संगठित हुए हिन्दू वोट को तोड़ने हेतू, कभी किसान के नाम पर, कभी आरक्षण के नाम पर तो कभी पाटीदार, तो गुज्जर, तो कभी दलितों के नाम पर हिंसात्मक आंदोलनों की रूप रेखा तैयार कर हिंदुओं को एक दूसरे से लड़ाकर हिंदुत्व, हिन्दू एकता व् मोदी की शक्ति तो तोड़कर स्वयं सत्ता हथियाने में लगी है और इस काम में सभी भृष्टाचारी, NGO, वामपंथी, मिडिया जेहादी, ईसाई संस्थाएं, आतंकवादी संगठन, और पाकिस्तान व् उसकी ख़ुफ़िया एजेंसियां तक लगी हुई हैं।

भारत कि जनता को समझना होगा की हिन्दू अपने अस्तित्व के लिए सरकार पर आश्रित है। जहाँ सरकारें उनकी सुरक्षा पर ध्यान नहीं देतीं वहां उनका जनसंहार होता है, उनकी सम्पत्ति-घर व उनकी महिलाएं असुरक्षित होती हैं और हिंदुओं के पास तब पलायन करने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता। कश्मीर, आज का बंगाल, समाजवादी शासन वाला पश्चिमी उत्तर प्रदेश, कांग्रेस शासन वाला असम इसका ज्वलंत उदाहरण है।

अतः हिंदुओं को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु पाकिस्तान-कांग्रेस और उसके सहयोगियों की चाल को समझना होगा और 2019 में अपने विवेक का प्रयोग कर निर्णय लेना होगा।

कुछ झलकियाँ ...

 


:रोहन शर्मा


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