मोनिकी विल्ला |
फोटो में वही मैडम हैं, जिनकी कंपनी थांमसन रायटर्स फाउंडेशन ने एक सर्वे करके भारत को महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे खराब देश बताया है। अफगानिस्तान, सोमालिया, सीरिया और नाईजीरिया से भी खराब जहां आज भी महिलाएं मंडियां लगा कर बेच दी जाती हैं। उस ईरान से भी खराब जहां गये साल इन्हीं मैडम की कंपनी की महिला पत्रकार को जेल भेज दिया गया था।
मैडम का नाम है मोनिकी विल्ला, फ्रांस की हैं। वहां की एजेंसी एएफपी (AFP) के जर्नलिज्म सेंटर से 1991 में ग्रेजुएट करके पत्रकारिता संस्थानों में रहीं, लेकिन पत्रकारिता नहीं की। जहाँ भी रहीं “सेल्स एंड बिजनेस डेव्हलपमेंट” सेक्शन संभाला। सीधे शब्दों में कहें तो धंधा चमकाने का धंधा करती रहीं। इनकी इसी काबलियत के चलते इनको सन 2001 में थांमसन रायटर्स फाउंडेशन में नौकरी मिली। इस बीच मैडम ट्रस्ट ला की विशेषज्ञ भी हो गयीं। सन् 2015 से इन्हें भारत में कंपनी का कारोबार बढ़ाने का टारगेट मिलते ही मार्केटिंग के साथ साथ महिलाओं और बच्चों से जुड़े विषयों से विशेष लगाव हो गया।
थांमसन रायटर फाउंडेशन के मालिक कनाडा के हैं। इसके मीडिया सेक्शन के चीफ एडिटर चीन के हैं। कनाडा वही देश जिसकी सरकार आज भी खालिस्तानी आंदोलन को संरक्षण देती है, जिसके चलते तीन महीने पहले भारत आए कनाडा के प्रधानमंत्री को छह दिन तक नरेंद्र मोदी ने मिलने का समय नहीं दिया था। भारत की उभरती अर्थव्यवस्था में अपने धंधे को स्थापित करने के लिए फाउंडेशन ने मुंबई में अपना हेड आफिस खोला है। सन् 2018 में लमसम भर्तियां निकाली भारत में। कंपनी को भारत में लाइम लाइट में लाना है, भारत की सरकार को धौंसाना है, भारत के प्रतिद्वंद्वी देशों से उल्लू सीधा करना है, फिफ्थ जेनरेशन वार के सूचना युद्ध में मलाई काटना है सो कंपनी ने एक सर्वे करा कर बता दिया कि भारत की सारी महिलाओं को अफगानिस्तान, सीरिया, सऊदी अरब वगैरह चले जाना चाहिए क्योंकि वहां उन्हें भारत से ज्यादा सुरक्षा, सुविधाएं, हक, बराबरी, न्याय आदि हासिल होंगे।
इसको उलटे चश्मे से देखें तो फाउंडेशन का अप्रत्यक्ष मैसेज दुनिया के पर्यटकों और निवेशकों को यह है कि भारत जाना सुरक्षित नहीं। यहां एयरपोर्ट पर उतरते ही रेप हो जाता है। यह राय बनाने फाऊंडेशन ने कोई आंकड़े वगैरह जमा नहीं किए हैं वोटिंग नहीं कराई है। दुनिया भर के 541 चुनिंदा एक्सपर्ट से पूछा है कि भाई आप इस विषय में क्या सोचते हैं बताएं। इनमें से भारत की सिर्फ 41 महिलाएं थीं। इसे 'परसेप्शन सर्वे' का नाम दिया है।
कंपनी की बेब साइट पर जाएं तो भारत को बेईज्जत करने, भारत पर आर्थिक आक्रमण करने वाली इस सर्वे रिपोर्ट पर भारत के अखबारों ने, टीवी चैनलों ने, न्यूज पोर्टलों ने जो छापा/ दिखाया है उसकी कतरनें, रिकार्डिग्स और लिंक्स डाली गयी हैं। इसमें सबसे चमकती हुई वीडियो डाली गयी है एनडीटीवी की, 44 मिनट दिए एनडीटीवी ने। इस सर्वे पर निधी राजदान ने डिबेट आयोजित की। पूरे 44 मिनट आधी स्क्रीन पर रेड अलर्ट टाइप की स्ट्रिप के साथ मोटी हेडलाइंस में सर्वे के खास बिंदू फ्लैश होते रहे। पूरी डिबेट में मजाल कि निधि राजदान ने सर्वे के निष्कर्ष या नीयत पर सवाल उठाया हो। फाऊंडेशन की बिजनेस वूमन सीईओ जिसकी फोटो आप ऊपर देख रहे हैं चैनल पर भारत को लतिया रही थी।
राहुल गांधी का पदार्पण
सर्वे रिपोर्ट पर राहुल गांधी हुलस कर सामने आए। तुरंत मोदी को गरिया दिया। ट्वीट करके योग वगैरह से जोड़ दिया। अब सभाओं में जिक्र होगा धूभधाम से। यह जाने बगैर कि 2011 में इसी फाउंडेशन ने ऐसी ही रिपोर्ट में भारत को महिलाओं के लिए दुनिया का चौथा सबसे खराब देश बताया था। तबके पीएम मौनी बाबा चुप रह गये थे। यह भी हैरत है कि अपना धंधा चमकाने आई एक कंपनी 61 करोड़ महिलाओं के देश पर सूचना का घातक अस्त्र चला कर उनकी छवि खराब कर रही है और महिलाएं चुप हैं। देश की महिलाओं को ही खुद आगे आकर इस फाउंडेशन को देश के बाहर खदेड़ देना चाहिए।
थॉम्पसन रॉयटर्स ने एक सर्वे किया है, जिसमे भारत को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बताया गया। अब चलिए इस सर्वे के सैम्पल साइज़ की बात करते हैं यानि की कितने लोगों ने इस सर्वे में भाग लिया? तो आपको बता दें कि 550 सेक्युलर, लिब्रल, इंटलेक्चुअल, प्रगतिशील महिलाओं ने सर्वे में भाग लिया और भारत में जहाँ 650000000 महिलाएं रहती हैं उनका कोई ओपिनियन लिए बिना इन 550 महिलाओं ने अपने एयरकंडीशन्ड कमरों में आरामदायक काउचों पर बैठकर वाइन सिप करते हुए 650000000 भारतीय महिलाओं की सहमति के बिना ही घोषित कर दिया की उनके अनुसार भारत महिलाओं के लिए विश्व में सबसे असुरक्षित है।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े
अब क्योंकि मैं तथ्यों व् आंकड़ों में विशवास करने वाला व्यक्ति हूँ तो UN द्वारा जारी किये आंकड़े प्रस्तुत कर रहा हूँ जिसमे विभिन्न देशों में प्रति एक लाख महिलाओं पर कितने रेप रिपोर्ट किये गए।
तो देखिये -
० सर्वप्रथम नम्बर दक्षिण अफ्रीका का आता है जहाँ प्रति 1 लाख महिलाओं पर 132 रेप रिपोर्ट हुए
० द्वितीय नम्बर है स्वीडन का जहां प्रति एक लाख 63 रेप रिपोर्ट हुए ।
० तृतीय नम्बर ऑस्ट्रेलिया का है जहां प्रति एक लाख पर 28 रेप रिपोर्ट हुए ।
० चतुर्थ नम्बर पर अमेरिका है जहाँ प्रति एक लाख पर 27 रेप रिपोर्ट हुए।
० पंचम नम्बर पर नॉर्वे हैं जहाँ प्रति एक लाख पर 19 रेप रिपोर्ट हुए।
० षष्ठम नम्बर पर ब्रिटेन हैं जहाँ प्रति एक लाख पर 17 रेप रिपोर्ट हुए।
० सप्तम नम्बर पर फ़्रांस है जहाँ प्रति एक लाख पर 16 रेप रिपोर्ट हुए ।
० अष्टम नम्बर पर फिनलैंड है जहां प्रति एक लाख 15 रेप रिपोर्ट हुए।
० नवें नम्बर पर दक्षिण कोरिया है जहाँ प्रति एक लाख 13 रेप रिपोर्ट हुए।
० दसवें नम्बर पर मेक्सिको है जहाँ प्रति एक लाख 13 रेप रिपोर्ट हुए।
० ग्यारवे नम्बर पर आयरलैंड हैं जहाँ प्रति 1 लाख 10 रेप रिपोर्ट हुए ।
० बारहवें नम्बर पर जर्मनी है जहाँ प्रति एक लाख 9 रेप रिपोर्ट हुए।
० तेहरवें नम्बर पर नीदरलैंड है, जहाँ प्रति एक लाख 9 रेप रिपोर्ट हुए ।
० चौदहवें नम्बर पर रूस है जहाँ प्रति एक लाख 3.4 रेप रिपोर्ट हुए।
० पंद्रहवे नंबर पर भारत है, जहाँ प्रति एक लाख 1.8 रेप रिपोर्ट हुए थे ।
० द्वितीय नम्बर है स्वीडन का जहां प्रति एक लाख 63 रेप रिपोर्ट हुए ।
० तृतीय नम्बर ऑस्ट्रेलिया का है जहां प्रति एक लाख पर 28 रेप रिपोर्ट हुए ।
० चतुर्थ नम्बर पर अमेरिका है जहाँ प्रति एक लाख पर 27 रेप रिपोर्ट हुए।
० पंचम नम्बर पर नॉर्वे हैं जहाँ प्रति एक लाख पर 19 रेप रिपोर्ट हुए।
० षष्ठम नम्बर पर ब्रिटेन हैं जहाँ प्रति एक लाख पर 17 रेप रिपोर्ट हुए।
० सप्तम नम्बर पर फ़्रांस है जहाँ प्रति एक लाख पर 16 रेप रिपोर्ट हुए ।
० अष्टम नम्बर पर फिनलैंड है जहां प्रति एक लाख 15 रेप रिपोर्ट हुए।
० नवें नम्बर पर दक्षिण कोरिया है जहाँ प्रति एक लाख 13 रेप रिपोर्ट हुए।
० दसवें नम्बर पर मेक्सिको है जहाँ प्रति एक लाख 13 रेप रिपोर्ट हुए।
० ग्यारवे नम्बर पर आयरलैंड हैं जहाँ प्रति 1 लाख 10 रेप रिपोर्ट हुए ।
० बारहवें नम्बर पर जर्मनी है जहाँ प्रति एक लाख 9 रेप रिपोर्ट हुए।
० तेहरवें नम्बर पर नीदरलैंड है, जहाँ प्रति एक लाख 9 रेप रिपोर्ट हुए ।
० चौदहवें नम्बर पर रूस है जहाँ प्रति एक लाख 3.4 रेप रिपोर्ट हुए।
० पंद्रहवे नंबर पर भारत है, जहाँ प्रति एक लाख 1.8 रेप रिपोर्ट हुए थे ।
अब स्वयं निर्णय किजिए की ऐसे झूठे व् मोटिवेटेड सर्वे भला क्यों जारी किये जा रहे हैं? वो कौन लोग हैं भारत के जो ऐसे सर्वे में सम्मिलित होकर भारत की छवि को कलंकित करने का प्रयास कर रहे हैं? वो भी तब जब इस्लामिक मुल्कों में रेप पीड़िता को ही अवैध सम्बन्धों के आरोप लगाकर जमीन में आधा गाड़कर तब तक पत्थर मारने की परंपरा है जब तक वो मर न जाये, तो भैया अब बताओ कि विश्व में किस देश में महिलाएं सबसे अधिक असुरक्षित हैं ?