रवीश कुमार पांडेय और ऑल्ट न्यूज़ (ALT NEWS) का भंडाफोड़!

रवीश कुमार पांडेय और ऑल्ट न्यूज़ (ALT NEWS) का भंडाफोड़!

NDTV के सुपर एंकर रविश कुमार अधिकतर अपने लेखों में "ALTNews" का संदर्भ देते है। ऑल्ट न्यूज़ ने फैक्ट फाइंडिंग के नाम पर खूब मक्कारिया किया है। सच समाचार को "फैक्ट फाइंडिंग" के नाम पर सिर्फ "फेक न्यूज़" परोसा है।
    रवीश कुमार लिखते है कि "मीडिया और सोशल मीडिया के फैलाए झूठ को पकड़ने वाला सुपर इंस्पेक्टर "ऑल्ट न्यूज़" अब गुजराती में आ गया है। यह बहुत अच्छा है। ऑल्ट न्यूज़ ने अफ़वाहों को पकड़ने का काम किया है। यह काम मुख्यधारा की मीडिया का था, लेकिन वही झूठ फैलाने में लग जाए तो उससे उम्मीद बेकार है। दूसरा झूठ राजनीतिक आधार पर फैलाए जाते हैं इसलिए मीडिया ने इस काम से अपना हाथ खींच लिया। गुजराती भाई लोग ऑल्ट न्यूज़ अपनी मातृभाषा में पढ़ सकते हैं।" 

रवीश कुमार द्वारा "ऑल्ट न्यूज़" की झूठी और मक्कार भरी बड़ाई करने पर जितेंद्र प्रताप सिंह ने ऑल्ट न्यूज़ की कलई खोल दी। जिसमे उन्होंने कई तथ्यों सहित ऑल्ट न्यूज़ के फैक्ट फाइंडिंग को दोगली फाइंडिंग दिखाकर आईना दिखाया है। 
    जितेंद्र प्रताप सिंह, रविश कुमार के फेसबुक पोस्ट में कमेंट करते है कि "रवीश कुमार जी यह ऑल्ट न्यूज़ खुद सबसे बड़ा फेक न्यूज़ फैक्ट्री है। सबसे बड़ा झूठ यही चलाता है और इसके द्वारा चलाए गए सैकड़ों झूठ बेनकाब हो चुके हैं।" 
    इसके बाद बारी-बारी से ऑल्ट न्यूज़ द्वारा फैक्ट फाइंडिंग के नाम पर की जा रही फेक फाइंडिंग का भंडाफोड़ करते है, और कमेंट मे लिखते है कि-  
    "कभी-कभी मैं सोचता हूं कि पुण्य प्रसून बाजपेई, अभिसार शर्मा, रविश कुमार पांडे, राजदीप सरदेसाई, शेखर गुप्ता, सिद्धार्थ वर्धराजन, विनोद दुआ, विनोद कापड़ी, राहुल कंवल, करण थापर, श्रीनिवासन जैन, कमाल खान, आरफा खानुम शेरवानी, रोहिणी सिंह, निधि राजदान, पल्लवी घोष, मौसमी सिंह, सबा नक्वी, विनोद शर्मा, ओम् थानवी, स्वती चतुर्वेदी, साक्षी जोशी, राणा अय्यूब, बरखा दत्त, सागरिका घोष, संजुक्ता बासु, जैसे घटिया, बिकाऊ, पत्तल चाट, पेटीकोट, खैराती, दलाल, देश विरोधी, पाकिस्तान परस्त, वामपंथी, पत्रकार अपने बच्चों के सामने कैसे जाते होंगे? और जब ये लोग आईना देखते होंगे तब स्वयं को कैसा अनुभव होता होगा?" 
ALTNEWS की सच्चाई
आप पूरी सच्चाई बता देते ऑल्ट न्यूज़ चलाने वाले प्रतीक सिन्हा और उनकी मां निर्झरी सिन्हा है, और जुबेर नामक कट्टर मुस्लिम व्यक्ति इसका मैनेजर है। यह निर्झरी सिन्हा उस व्यक्ति की पत्नी है, जिसने पूरी जिंदगी मोदी के खिलाफ जैसे युद्ध छेड़ दिया था। यानी मुकुल सिन्हा की पत्नी है। हर रोज कांग्रेस सरकार से मिलकर मोदी के खिलाफ कोर्ट में केस करते थे, इनकी कंपनी है "प्रावदा मीडिया फाउंडेशन"। उसे खाड़ी के देशों से लाखों डालर मिलते हैं ताकि यह आल्ट न्यूज़ सिर्फ हिंदुओं के खिलाफ खूब फैलाता रहे और सिर्फ एक तरफा काम करें।
मोदी के नौकरशाहों ने ALT NEWS को "फेक न्यूज़ काउंटर" बताया?
   मोदी सरकार की आंख में नौकरशाही कैसे धूल झोंक रही है, यह उदाहरण देखिए। जिस अल्ट न्यूज को गृहमंत्रालय की एक इकाई 'द ब्यूरो आफ पुलिस रिसर्च' ने फैक्ट चेकिंग और शोध में पार्टनर बनाया, वह शहरी माओवादिओं का सबसे बड़ा फेक न्यूज टूल्स है। काफी बार इसी मोदी सरकार, प्रधानमंत्री व गृहमंत्री के खिलाफ अल्ट न्यूज Fake News फैलाते पकड़ा गया है।  
    सोशल मीडिया पर विरोध के कारण गृहमंत्रालय की नजर में यह आ गया। इसलिए इसे तत्काल सूची से बाहर निकाल दिया गया है‌। लेकिन नौकरशाहों की धृष्टता देखिए, बिना डर के खुलेआम सरकार के खिलाफ काम कर रहे हैं?  
    यह नौकरशाह यह जानते थे कि अल्ट न्यूज उस मुकुल सिन्हा का बेटा प्रतीक सिन्हा चलाता है, जो गुजरात दंगे में तीस्ता सितलवाड़ का सहयोगी था और गुजरात की मोदी सरकार के खिलाफ प्रोपोगंडा का धंधा चलता था। यही नहीं, अल्ट न्यूज में 25 लाख की प्रारंभिक फंडिंग भी प्रो-पाकिस्तानीभारत विरोधी अरुंधती राय ने किया था। ऐसों को सरकार के अंदर घुसाने का गंदा खेल खेलने वालों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।
जेपी सिंह द्वारा ऑल्ट न्यूज़ का भंडाफोड़ 
फल पर थूक लगाता व्यक्ति
    अभी मध्यप्रदेश में एक व्यक्ति फलों पर थूक लगाकर बेच रहा था। वह गिरफ्तार होकर जेल चला गया। उस व्यक्ति ने स्वीकार किया कि हां! वह फलों पर थूक लगा रहा था। उसकी बेटी ने भी स्वीकार किया कि "हां मेरे अब्बा मानसिक बीमार हैं, कभी-कभी जगह-जगह थूक लगाते रहते हैं"। लेकिन यह अल्ट न्यूज उस वीडियो को ही और उस घटना को ही झूठा बता दिया था।
महिला डॉक्टरों पर मुस्लिमों द्वारा पत्थर फेकने का केस
    इंदौर पर स्वास्थ्य कर्मचारियों और महिला डॉक्टरों पर जो मुस्लिमों ने पत्थर फेंके थे। ऑल्ट न्यूज़ ने उस घटना को पाकिस्तान का बताया था।
कठुआ बलात्कार केस
    रवीश जी जिस प्रोपेगंडा वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ को आप फैक्ट चेक वेबसाइट कह रहे हैं। वह दरअसल खाड़ी देशों के पैसों से एक इस्लामिक प्रोपेगेंडा वेबसाइट है। 
    कठुआ केस में इस आल्ट न्यूज़ ने ज़ी न्यूज़ की रिपोर्ट इनको गलत बताया था। अपने फैक्ट चेक में इसने लिखा था कि "जी न्यूज़ जो एटीएम का फुटेज दिखा रहा है, वह गलत है। उसमें डेट के साथ छेड़छाड़ की गई है"। लेकिन जब कोर्ट ने उस फुटेज को भारत के तीन फॉरेंसिक लैब में जांच करवाया तब वह फुटेज सच निकली और इतिहास में पहली बार किसी कोर्ट ने अपने फैसले में किसी चैनल का नाम लिखा और विशाल को बाइज्जत बरी किया। 
    कोर्ट ने लिखा है कि "यदि जी न्यूज़ की रिपोर्टिंग नहीं होती, तब एक निर्दोष विशाल आज जेल में होता है!"  
आलीगढ़ के ट्विंकल बलात्कार केस
   रवीश जी! यह देखिए, आपका प्रिय आल्ट न्यूज़ कैसा झूठ फैलाता है और खाड़ी देशों के पैसे से हिंदुओं के खिलाफ कितना प्रोपेगेंडा फैलाता है। 
    कुछ साल पहले अलीगढ़ में 3 साल की मासूम बच्ची ट्विंकल का बलात्कार करके बड़ी बेरहमी से हत्या की गई थी। उसके तमाम अंगों को निकाल दिया गया था। उसके शरीर में बहुत से चाकुओं के घाव कर दिए गए थे। आरोपियों का नाम जुबेर और असलम था। 
   लेकिन ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी फैक्ट चेक में यह लिखा की "बच्ची का कोई बलात्कार नहीं हुआ था। बच्ची के कोई अंग नहीं निकाले गए थे। जुबेर और असलम का लड़की के पिता के साथ पैसों का विवाद था इसलिए जुबेर और असलम ने बच्ची का कत्ल कर दिया।" 
    लेकिन जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई और रिपोर्ट में यह लिखा गया कि "बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था, बच्ची के कई अंग काटकर निकाल दिए गए थे।" 
   और डॉक्टर ने जो नीचे कमेंट किया है, वह पढ़िए! इस डॉक्टर ने लिखा है कि "मैंने अपनी पूरी जिंदगी में किसी के साथ इतनी क्रूरता नहीं देखी, बच्ची को बड़ी बेरहमी से तड़पा तड़पाकर मारा गया था!"  
    अपना झूठ सामने आने के बाद भी कभी ऑल्ट  न्यूज़ ने माफी नहीं मांगी थी और यह स्वीकार ही नहीं किया कि वह भारत में सिर्फ एक इस्लामिक प्रोपेगेंडा करता है। 
अररिया में "भारत तेरे टुकड़े होंगे" का नारा
    रवीश कुमार जी आपका प्रिय ऑल्ट न्यूज़ कितना सही फैक्ट चेक करता है, वह तब भी साबित हुआ था जब अररिया के एमपी सरफराज आलम की सभा में पाकिस्तान जिंदाबाद, भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशाअल्लाह-इंशाअल्लाह के नारे लगे थे। और ऑल्ट न्यूज़ ने उसे झूठा करार दिया था और बताया था कि अब वीडियो फर्जी है, आवाज को अलग से लगाया गया है! 
    यह टाइम्स ऑफ इंडिया की लिंक है। जिसमें सीबीआई ने दिल्ली के फॉरेंसिक लैब में उस वीडियो को भेजा। जहां वह वीडियो सही पाया गया और पुलिस ने 22 लोगों को उस मामले में गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ है। 
जामिया में पत्थरबाजी की घटना 
   यह वही ऑल्ट न्यूज़ है जो जामिया में पत्थरबाजी पर लिखा था कि "छात्र तो अपनी जेब में से वैलेट निकाल कर फेंक रहे थे, वह पत्थर नहीं था।" 
    मतलब जामिया के मुस्लिम छात्र इतने बेवकूफ हैं कि वह किसी को मारने के लिए अपना वैलेट निकाल कर मारेंगे। जिस वैलेट में वह ड्राइविंग लाइसेंस, डेबिट क्रेडिट कार्ड या पैसे रखते हैं और उस वैलेट से क्या किसी को चोट लगेगी? 
   और जब दूसरा सीसीटीवी फुटेज सामने आया तब अल्ट न्यूज ने माफी नहीं मांगी, बल्कि उस फैक्ट चेक को चुपके से डिलीट कर दिया। क्योंकि उस वीडियो में साफ दिख रहा था कि वह बड़े-बड़े पत्थर फेंक रहे थे। 
    ऑल्ट न्यूज़, पैसे के भूखे प्रतीक सिन्हा और निर्झरी सिन्हा चलाती हैं। खाड़ी के देशों से उन्हें मोटा पैसा मिलता है। अगर ऑल्ट न्यूज़ एक सच में फैक्ट चेक साइट होती तो कभी एक तरफा चीजे  नहीं करती।

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