युगांडा के जिहाद में हिंदूओं का दर्द और कांग्रेस की कारस्तानी


ईदी अमीन

शुरू में इंदिरा गांधी युगांडा से आए 11000 हिंदूओं पर मौन साधी रही। लेकिन जब अटल बिहारी वाजपेयी व लालकृष्ण आडवाणी और समुचा संघ परिवार इस पर शोर मचाने लगा तब जाकर इंदिरा गांधी का ह्रदय पिघला और इनकी नागरिकता दी।

कल जब लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह जी युगांडा का उल्लेख किया तो निश्चित ही वहाँ से निर्वासित हुए हिंदूओं का दर्द ताजा हो गया होगा। आइए उनके दर्द से सबको रू-बरू अवगत कराता हूँ!
   युगांडा 85 प्रतिशत ईसाई तो 14 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या वाला देश है। पूर्व में यह देश भी ब्रिटेन का गुलाम था। भारत के लोगो को गुलाम बनाकर ईसाई लुटेरो ने काम करवाने के लिए युगांडा भेजा था। भारत से बहुत सारे भारतवासी युगांडा गयें थे, जिसमें आधे गुजरात से तो आधे सम्पुर्ण भारत से थें।  
   भारतवासी ने वहाँ जाकर अपने पुरूषार्थ का पसीना बहाया, जिसके फलस्वरूप वें वहाँ जाकर समृद्ध बन गयें। उद्योग-धंधे से लेकर राजनीति तक में भारतीयों का सिक्का चल पड़ा। 
   तब ईदी अमीन नामक एक मुस्लिम सैन्य अधिकारी ने 1971 में तख्ता पलटकर मिल्टन ओबेटो को हटा दिया और स्वयं युगांडा का प्रमुख बन गया। चार अगस्त,1972 को ईदी अमीन को अचानक एक सपना आया और उन्होंने युगांडा के एक नगर टोरोरो में सैनिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए अमीन ने कहा कि "अल्लाह ने उनसे कहा है कि वो सारे एशियाइयों को अपने देश से तुरंत निकाल बाहर करें!"

  अपने शासन के एक साल बाद 1972 इसने गैर-मुस्लिम भारतीयों को बाहर निकल जाने का फरमान सुनाया। इस फरमान के बाद भी जब भारतवंशी हिंदूओं ने युगांडा नही छोड़ा तो उसने अपने इस्लामिक सैनिकों को लुट-मार करने की खुली छुट दे दी। 
   युगांडा के सेंट्रल और उत्तरी जोन में मुसलमान ज्यादा रहते हैं और इसी जोन में भारतवंशी भी ज्यादा रहते थे। ईदी अमीन की खुली छुट के कारण सेना के साथ-साथ मुसलमानों ने भी हिंदूओ को मारना-पिटना शुरु कर दिया। जिसके कारण अपने कठिन परिश्रम से अर्जित पीढ़ियों की समुची कमाई छोड़कर हिंदूओं को वहां से भागना पड़ा। सेना और मुस्लिम जनता ने मिलकर हिंदूओं के संपत्ति पर कब्जा कर लिया। 
   सैकड़ो हिंदूओं को मार भी दिया गया फिर भी 60000 लोग वहां से भागने में सफल रहें। इनको वहां से सुरक्षित निकालने में RSS ने बहुत ही महत्वपुर्ण भूमिका निभाई थी। 

हिन्दुओ के प्रति इंदिरा गांधी का मानसिकता 
   इंदिरा गांधी तब देश की प्रधानमंत्री थी। युगांडा के हिंदूओं पर अत्याचार को देखकर RSS के संघचालक बालासाहेब देवरस ने इंदिरा गांधी से संयुक्त राष्ट्र में शिकायत करने की अपील की, किंतु वह गुंगी गुड़िया की तरह चुप्पी साधी रही। 
    तब RSS के संघचालक ने केन्या के हिंदू संगठनों को तार भेजकर भारतवंशीयों को सहायता करने की अपील की। दरअसल केन्या युगांडा का पड़ोसी देश है और केन्या में 1947 के मकर संक्रांति के दिन संघ के स्वयसेवकों ने "भारतीय स्वयंसेवक संघ" नामक संगठन का निर्माण किया था और यह बहुत जल्दी ही एक बड़ा संगठन बन गया। 
    खैर संकट की उस घड़ी में RSS के केन्याई शाखा (भारतीय स्वयंसेवक संघ) के स्वयंसेवकों ने युगांडा के हिंदुओं के पुनर्वास में तन-मन धन से सहायता की। यहाँ तक की उन भारतवंशीयों को ब्रिटेन और फिजी भेजने में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तब उनके इस कार्य पर अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के दुतावासों ने "भारतीय स्वयंसेवक संघ" की प्रशंसा की थी। 
   उन 60000 हिंदूओं में 29000 हिंदूओं ने ब्रिटेन में शरण ली तो 4500 फीजी गयें, 5000 ने कनाडा में, 1200 लोगों ने केन्या में शरण ली तो 11000 लोग लौटकर भारत आएं। 
  शुरू में इंदिरा गांधी युगांडा से आए 11000 हिंदूओं पर मौन साधी रही। लेकिन जब अटल बिहारी वाजपेयीलालकृष्ण आडवाणी और समुचा संघ परिवार इस पर शोर मचाने लगा तब जाकर इंदिरा गांधी का ह्रदय पिघला और इनकी नागरिकता दी। 

   यह बात जानना भी महत्वपूर्ण है कि 29000 हिंदूओं ने जो ब्रिटेन में शरण ली थी, इसके कारण वहाँ के समाचारपत्रों ने इसके लिए सरकार की कड़ी आलोचना करना शुरु कर दिया। ब्रिटेन के अखबारों की आलोचना इतनी कड़वी थी  कि मजबुरन वहां के विदेश मंत्री को यह कहना पड़ा कि हम इनको ब्रिटेन में नही रखने जा रहे हैं, हम इन सभी को भारत भेजेगें। 
   तब इस मुद्दे पर ब्रिटेन के अधिकारियों और भारत के अधिकारियों में बातचीत शुरू हुई। भारत टस से मस नही हुआ। उसके बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इंदिरा गांधी से खुद बात की। किंतु इंदिरा गांधी ने 29000 भारतीयों को लेने से इंकार कर दिया। बाद में UNO ने हस्तक्षेप किया कि यह अभी प्रताड़ना से पीड़ित हैं, इसलिए इनको तत्काल ब्रिटेन में ही रहने दिया जाए। बाद में उनके अच्छे व्यवहार के कारण सभी 29000 को ब्रिटेन की नागरिकता दे दी गई। 


स्रोत:
♨️https://en.m.wikipedia.org/wiki/History_of_Uganda
♨️https://www.bbc.com/hindi/amp/international-45077701


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