इन्वर्टर एसी (सांकेतिक) |
मार्केट में एसी खरीदते वक्त कंफ्यूजन होना आम बात है लेकिन इस कंफ्यूजन को इन्वर्टर एसी ने और बढ़ा दिया है। क्या है इन्वर्टर एसी और क्या हैं इसके फायदे, हम दे रहे हैं आपको पूरी जानकारी।
क्या है इन्वर्टर एसी
जब भी इन्वर्टर एसी का नाम आता है, तो जहन में सबसे पहले घर में बिजली की लगातार सप्लाई के लिए लगाया जाने वाला इन्वर्टर ही दिमाग में आता है। कुछ लोग इसे इन्वर्टर से चलने वाला एसी समझते हैं। एसी में इन्वर्टर शब्द के इस्तेमाल का बस इतना ही फसाना है कि जिस तरह आपके घर का इन्वर्टर बिजली की सप्लाई को लगातार बनाए रखता है, वैसे ही इन्वर्टर एसी भी कूलिंग को लगातार बेहतर तरीके से बनाये करता है। यह ऐसा एसी है, जिसमें तापमान को कंट्रोल करने के लिए बेहतर तकनीक है।
कैसे बना इन्वर्टर एसी सुपर सेवर
इन्वर्टर एसी को सुपर सेवर का नाम इसलिए दिया गया है, क्योंकि इसमें बिजली की बचत होती है। साथ ही कंप्रेसर पर कम जोर पड़ने से एसी की लाइफ बढ़ती है। जहां आम एसी कूलिंग के लिए लगातार कंप्रेसर को चलाते हैं और जब कूलिंग सेट पॉइंट पर पहुंच जाती है तो कूलिंग को बंद करके फिर से तापमान के बढ़ने का इंतजार करते हैं और ऐसा होने पर दोबारा चालू हो जाते हैं। यह सारा कंट्रोल ऑटो कट मोड की तरह होता है। इससे अलग इन्वर्टर एसी में कंप्रेसर अपनी स्पीड को स्मार्ट तरीके से कम और ज्यादा कर सकता है। जैसे-जैसे एसी सेट पॉइंट पर पहुंचता है, इन्वर्टर एसी के कंप्रेसर की रफ्तार कम हो जाती है और फिक्स तापमान पर पहुंचते ही यह काफी धीमी हो जाती है। कंप्रेसर की रफ्तार का सीधा असर बिजली की खपत पर पड़ता है। इन्वर्टर एसी इस तरह स्टॉप-स्टार्ट साइकल को कम करते हैं और बचत करते हैं। इसकी यही खूबी इसे सुपर सेवर बनाती है। बिजली की बचत के साथ-साथ यह एसी एक जैसा तापमान भी बरकरार रखता है। जब तक एसी को अधिकतम कूलिंग या हीटिंग पर न सेट कर दिया जाए, कंप्रेसर पर अधिकतम लोड नहीं पड़ता। इससे अलग नॉन इन्वर्टर एसी में लगातार कंप्रेसर पूरा जोर लगाता रहता है।
क्या है मार्केट का हाल
इन्वर्टर एसी तकनीक के लिहाज से भारतीय बाजारों के लिए नए हैं, फिर भी बिजली की बचत के चलते खासे पॉप्युलर हो रहे हैं। अब तक मार्केट में हाई बीईई रेटिंग को लेकर काफी उत्साह देखा जाता था, लेकिन इन्वर्टर एसी ने बिजली की बचत की लड़ाई को अगले लेवल पर पहुंचा दिया है। मार्केट का लगभग हर बड़ा ब्रैंड जैसे डाइकिन, एलजी, सैमसंग, हिताची, तोशिबा आदि इन्वर्टर एसी के ऑप्शन के साथ मौजूद हैं। इनकी शुरुआत 35 हजार रुपए के आस-पास से होकर 1 लाख रुपए तक जाती है। अगर बेस प्राइस को लेकर चलें, तो भी इन्वर्टर एसी आम 5 स्टार एसी से लगभग 5 हजार रुपए महंगा साबित होगा।
Temperature and Time graph of Converted AC and Non-Inverter AC |
बचत का गणित
कंपनियां दावा करती हैं कि इन्वर्टर एसी साल में आपके बिजली के खर्च को 30 से 40 फीसदी तक कम कर सकते हैं। यह आंकड़ा 5 स्टार एसी को बेस बनाकर निकाला गया है। जब हमने इन्वर्टर एसी के यूजर से बात की तो उन्होंने इस बात को माना कि बिजली के बिल में कटौती तो हुई है लेकिन दी गई एक्सट्रा कीमत को वसूलने में कम से कम 5-6 साल का वक्त लगेगा।
3 स्टार एसी (1 टन) : हर महीने खपत 1800 रुपए लगभग।
5 स्टार एसी (1 टन) : हर महीने खपत 1500 रुपए लगभग
इन्वर्टर एसी (1 टन) : हर महीने खपत 1300 रुपए लगभग।
(7 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से)
इस लिहाज से देखा जाए तो बचत तो हो रही है, लेकिन दावे से कम।
इन बातों का भी रखें ख्याल
- इन्वर्टर एसी का ऑप्शन केवल स्प्लिट मॉडल में मौजूद है। मतलब विंडो एसी के यूजर्स के लिए अभी यह तकनीक नहीं है।
- जो लोग एसी का इस्तेमाल ज्यादा देर (दिन में 10-12 घंटे या उससे ज्यादा) तक करते हैं, इन्वर्टर एसी उनके लिए ही ज्यादा बचत करता है।
- 6 घंटे से कम इस्तेमाल करने वालों की बचत इतनी नहीं होती कि वह कीमत जल्दी वसूल सकें।
- नई और बेहतर तकनीक की वजह से मेनटिनेंस के लिहाज से यह कुछ महंगे साबित हो सकते हैं।
- इन्वर्टर एसी से बेहतर कूलिंग तभी संभव है जब इंसुलेशन बेहतर हो और कमरे के एरिया के हिसाब से एसी माकूल हो।
इन्वर्टर इंजिनीरिंग एयर कंडीशनर के अन्य फायदे
साधारण एयर कंडीशनर को चालू करने में 3-4 गुना ज़्यादा करंट लगता है। इस कारण अगर एयर कंडीशनर या फ्रिज को इन्वर्टर पर चलना होता है तो काफी बड़ा इन्वर्टर लगता है। पर इन्वर्टर प्रोद्योगिकी वाले एयर कंडीशनर या फ्रिज की मोटर चालू होने के लिए काफी काम करंट लेती है। इस कारण अगर आपको एयर कंडीशनर या फ्रिज अगर इन्वर्टर से चलना होता है तो वह छोटे इन्वर्टर से भी चल सकता है। जैसे की अगर आप के पास एक 1.5 टन का साधारण एयर कंडीशनर है जो साधारण तौर पर 10 एम्पियर करंट लेता है पर वह चालू होने के लिए 30 एम्पियर करंट लेगा। अगर आप को ऐसा एयर कंडीशनर बिजली इन्वर्टर पर चलना है तो आप को 5 केवीए इन्वर्टर लगेगा। पर अगर आप के पास 1.5 टन का इन्वर्टर एक है तो वह चालू होने के लिए भी 10 एम्पियर से ज़्यादा का करंट नहीं लेगा। और इसका मतलब है की वह 2 केवीए बिजली इन्वर्टर से भी चल जायेगा। कृपया ध्यान दें इन्वर्टर प्रोद्योगिकी एयर कंडीशनर और हमारे घरों में जो बिजली के इन्वर्टर हैं वह बिलकुल अलग हैं। इन्वर्टर प्रोद्योगिकी वाले एयर कंडीशनर के लिए अलग से इन्वर्टर खरीदना ज़रूरी नहीं है।
साधारण मोटर का शक्ति गुणक (Power factor) काफी काम होता है जो की औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली बिल के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इन्वर्टर प्रोद्योगिकी वाले एयर कंडीशनर में शक्ति गुणक या पावर फैक्टर 1 के आस पास होता है जिससे न केवल बिजली की बचत होती है बल्कि बिजली के बिल में भी कमी होती है।
अगर आप सौर ऊर्जा का उपयोग अपने एयर कंडीशनर या फ्रिज को चलने के लिए करना चाहते हैं तो उसके लिए भी इन्वर्टर प्रोद्योगिकी वाला एयर कंडीशनर या फ्रिज सबसे अच्छा होता है। क्यूंकि वह चालू होने के लिए काम बिजली लेता है और चलने में भी काम बिजली लेता है इस कारण से अगर आप सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आप का काम कम पेनल्स और छोटे इन्वर्टर से भी चल सकता है (जो की साधारण एयर कंडीशनर या फ्रिज में बड़े इन्वर्टर और ज़्यादा पेनल्स से होगा)।
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