मिशनरी स्कूल हो या कैथोलिक से दुराचारी और बलात्कारी निकल रहे हैं पादरी और फादर!

कैथोलिक चर्च के पादरियों ने किसी न किसी प्रकार के दुराचार और कुकर्म में अपनी संलिप्तता स्वीकारते हुए पोप को इस्तीफा सौंपा है। 
कैथोलिक चर्च हो मिशनरी स्कूल, दक्षिण अमेरिका का चिली देश हो या झारखंड का खूंटी शहर पादरियों और फादरों ने क्रिश्चियनिटी का बेड़ा गर्क कर दिया है। खूंटी में जहां पांच लड़कियों के साथ गैंग रेप के आरोप में एक मिशनरी स्कूल के फादर समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, वहीं चिली के सभी 34 कैथोलिक चर्च के पादरियों ने किसी न किसी प्रकार के दुराचार और कुकर्म में अपनी संलिप्तता स्वीकारते हुए पोप को इस्तीफा सौंपा है। अगर एक-आध घटना की बात हो तो कोई बात नहीं, लेकिन पूरे देश के सारे चर्च के पादरी यह स्वीकार करे कि वे दुराचार में शामिल रहे हैं। तो दोष सिर्फ पादरियों का नहीं बल्कि उस क्रिश्चियन रेलिजन में है। जो पूरे विश्व को नैतिक राह दिखाने का झूठा दंभ भरकर विश्व को भरमाता रहता है।

मुख्य बिंदु
★ दक्षिण अमेरिका के चिली में तो दुराचारियों के अड्डा बन गए हैं सारे कैथोलिक चर्च।★चिली के सारे 34 कैथोलिक चर्च के पादरियों ने कुकर्म में संलिप्तता स्वीकारते हुए पोप को सौंपा अपना इस्तीफा। ★ सदियों से चल रहे इस प्रकार के कुकर्म के कारण क्या क्रिश्चियन रिलिजन हो होगा आंतरिक विस्फोट।

खूंटी के पुलिस अधीक्षक अश्विनी सिन्हा के बयान के मुताबिक खूंटी ज़िले में एक ग़ैर सरकारी संस्था के लिए काम करने वाली पांच लड़कियों के साथ गैंग रेप का मामला सामने आया है। पांचों लड़कियों से गैंग रेप करने के आरोप में कोचांग स्थित मिशनरी स्कूल के फादर का नाम आगे आया है। उस स्कूल के फादर के साथ ही सात अन्य लोगों के खिलाफ गैंग रेप करने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया गया है।

दुनिया भर में चर्च के पादरियों और मिशनरी स्कूल के फादरों की करतूत की वजह से पूरी क्रिश्चनिटी पर सवाल उठना लाजिमी है। एक-आध घटना को अलग नजरिए से देखा भी जा सकता है लेकिन किसी देश के सारे पादरियों का इस प्रकार के यौण-शोषण में संलिप्तता स्वीकारना उस रेलिजन के लिए असहजता की बात है। इससे स्पष्ट है कि उस रेलिजन के मूल में ही खोट है। वैसे भी धन के बल पर स्थापित कोई परंपरा रेलिजन हो भी नहीं सकती। क्रिश्चिनीटी वैसा ही एक रेलिजन है, जो अर्थ के बल पर गरीबों को शोषण पर स्थापित है।

मालूम हो कि इसी साल पिछले महीने यानि 18 मई को चिली के 34 पादरियों ने पोप को अपना इस्तीफा सौंपा। सभी पादरियों का एक साथ इस्तीफा सौपना असहज करने वाली घटना थी। इससे भी ज्यादा असहज करने वाली बात इस्तीफे के कारण में छिपी थी। सभी 34 पादरियों ने अपने इस्तीफे की जो वजह बताई वह अपने आप में अचंभित करने वाली है। सभी पादरियों ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि वह किसी न किसी दुराचार में संलिप्त हैं इसलिए अपना पद छोड़ना चाहते हैं। इसमें से अधिकांश पादरियों ने बच्चों के यौन शोषण करने की बात कबूली है।

अब सवाल उठता है कि क्या इस्तीफा देने मात्र से उसके पाप धुल जाएंगे? या फिर इन पापी पादरियों ने सजा से बचने के लिए सहानुभूति पाने का नाटक किया है? ये सब दो पादरियों से संबंधित हैं लेकिन इससे भी बड़ा सवाल उठने लगा है कि, इतने बड़े खुलासे के बाद क्या कैथोलिक चर्च का अस्तित्व बचा रह पाएगा? जिस बाल यौन शोषण का कैथोलिक चर्चा हमेशा से खिलाफत करता रहा है। क्या वहीं कैथोलिक चर्च अपने फॉलोअर्स को यहा समझा पाएगा कि इस मामले में पादरियों का इस्तीफा ही काफी है?

चिली के इस खुलासे से जहां कैथोलिक चर्च से लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा, वहीं क्रिश्चियय जैसे रेलिजन पर से लोगों का भरोसा खत्म होने लगेगा।

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