अटल बिहारी वाजपेयी ने राहुल गांधी को ड्रग तस्करी के आरोप से बचाया था तो क्या राहुल गांधी ने एहसान उतार दिया?

Rahul Gandhi
राहुल गांधी


पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया है। एम्स के डॉक्टरों की हिदायत के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसी की परवाह नहीं की और अटल बिहारी वाजपेयी जी के बिस्तर के पास पहुंच गये। डॉक्टरों ने संक्रमण से बचाव के लिए किसी को भी मिलने से मना किया था, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी भी डॉक्टरों की हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन राहुल गांधी जो राजतंत्र के ढंग से पले-बढ़े हैं, कोई डॉक्टर उन्हें रोके वह यह कैसे बर्दाश्त कर सकते थे? धड़धड़ाते वाजपेयीजी को देखने पहुंच गये और बाहर आकर शोर मचाया, ‘मैंने वाजपेयी जी को सबसे पहले देखा। भाजपा वालों से भी पहले मैंने वाजपेयी जी को देखा।’ ऐसा लगा जैसे किसी बच्चे को मैदान में सबसे पहले बैटिंग मिल गयी हो और और वह मचल-मचल कर ‘सबसे पहले- सबसे पहले’ का नारा लगा रहा हो!  

दूसरी तरफ राहुल गांधी की इस हरकत को लेकर उनके गड़े मुर्दे उखाड़ने शुरु हो गये हैं  
लोगों ने उन्हें तब की याद दिलाई है, जब उन्हें वाजपेयी जी ने गिरफ्तारी से बचाया था। आरोप है कि राहुल गांधी बोस्टन एयरपोर्ट पर ड्रग के साथ पकड़े गये थे। उस वक्त भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयीजी ही थे। वाजपेयी सरकार ने तब हस्तक्षेप कर उन्हें निकाला था, अन्यथा राहुल का करियर हमेशा के लिए चौपट हो सकता था। सोशल साइट्स पर लोग तब के ‘द हिंदू’, ‘जी न्यूज’ के लिंक निकाल-निकाल कर शेयर कर रहे हैं।
दरअसल आरोप है कि राहुल गांधी साल 2001 के दौरान अमेरिका में ड्रग और अमेरिकी करंसी के साथ पकड़ा गए थे। उस समय देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। कहा जाता है कि उन्होंने ही राहुल को उस केस से बाहर निकाला था। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि राहुल गांधी ड्रग केस से बाहर निकालने का एहसान उतारने के लिए ही वाजपेयी को देखने एम्स गए थे? अपनी ही पार्टी के बुजुर्ग नेताओं यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अपमान करने वाले राहुल गांधी दूसरी पार्टी के पुराने नेताओं को भला क्यों सम्मान देने लगे?

मुख्य बिंदु
★ 2001 में एफबीआई ने राहुल गांधी को अमेरिकी करेंसी और व्हाइट पाउडर के साथ पकड़ा था।
★ वाजपेयी ने ही अपने समकक्षी अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश को फोन कर राहुल को बचाया था।


खुलासा भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम का है। उन्होंने कहा है कि साल 2001 में राहुल गांधी अमेरिका में ड्रग्स के साथ पकड़ा गया था। अमेरिका की एफबीआई (फेडरेशन ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन) के अधिकारियों ने राहुल गांधी को 1.60 लाख अमेरिकी करेंसी तथा व्हाइट पॉडर के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया था। उस समय राहुल गांधी पार्टी के उपाध्यक्ष थे। तभी उनकी मां सोनिया गांधी ने देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को फोन किया और राहुल पर आए संकट का जिक्र किया। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने समकक्ष तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश से बात की और फिर राहुल गांधी को उस केस से निकलवाया था।


राहुल गांधी काँग्रेसी नेताओ का कितना सम्मान करते है?
राहुल गांधी मे ही क्यों पूरे नेहरू-गांधी परिवार में दूसरी पार्टियों के पुराने या नए नेता की बात तो दूर अपनी ही पार्टी के नेताओं का न कभी सम्मान किया न ही करते हैं। उदाहरण तो कई हैं, लेकिन ताजा उदाहरण पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और डॉ मनमोहन सिंह का है। वही पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को उदार बनाया। लेकिन बाद में इन्हीं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के इशारे पर पार्टी ने उनकी वो गत बना दी कि जब उनका देहांत हुआ तो उनके शव को पार्टी मुख्यालय में रखने तक की इजाजत नहीं दी गई। इतना ही नहीं उनका अंतिम संस्कार भी दिल्ली में नहीं होने दिया। और आज राहुल गांधी भाजपा को शिक्षा देते हैं कि अपने पुराने नेताओं को सम्मान नहीं करते। करीब चार-पांच साल पहले ही राहुल गांधी ने अपनी ही सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अध्यादेश को सरेआम फाड़कर उन्हें मजाक बना दिया था। उनका तिरस्कार तो कई बार कर चुके हैं। ये बात दीगर है कि मनमोहन सिंह थे भी उसी लायक!

ऐसे में एक सहज सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी वाकई में अटल बिहारी वाजपेयी का सम्मान करते हैं, इसलिए AIIMS देखने गए थे? लेकिन इसका खुलास तो उन्होंने खुद ही यह कहते हुए कर दिया कि भाजपा में पुराने नेताओं की कोई कद्र नहीं है। दरअसल वह वाजपेयी का सम्मान का प्रदर्शन कर उनसे सहानुभूति रखने वालों को अपने पाले में करना चाहते हैं। इसलिए वाजपेयी के प्रति राहुल गांधी का सम्मान प्रदर्शन दरअसल उनकी वोट-नीति है।


साभार: www.Indiaspeaksdaily.com



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