Cambridge Analytica के हेड से मिले थे राहुल गांधी, सामने आया सबूत !

congress cambridge analytica connection

यह बात अब आईने के तरह साफ हो गई है कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी डाटा चोर कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के तत्कालीन सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) एलेक्जेंडर नीक्स से मिले थे। क्योंकि दोनों के बीच हुई डील का सबुत अब सामने आ गया है। नीक्स से मिलने के दौरान कैंब्रिज एनालिटिका के दफ्तर कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पंजा की तस्वीर बाहर आने के कारण ही नीक्स की नौकरी चली गई थी।
मुख्य बिंदु

◆ कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा कांग्रेस को दिए प्रस्ताव का स्क्रीनशॉट भी जारी किया।

◆ कैंब्रिज एनालिटिका के पूर्व सीईओ एलेंक्जेंडर नीक्स ने तैयार किया था यह प्रस्ताव।

◆ कैंब्रिज एनालिटिका ने अपने प्रस्ताव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत का किया था गुणगान।

कांग्रेस पार्टी के ही बागी नेता शहजाद पूनवाला ने भी डाटा चुराने वाली कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका और कांग्रेस पार्टी के बीच हुई डील के प्रस्ताव को सार्वजनिक कर दिया है। उन्होंने कैंब्रिज एनालिटिका के उस प्रस्ताव की एक कॉपी जारी कर दी है जो उसने कांग्रेस पार्टी को भेजा था। पूनावाला के इस साहसिक कदम से कांग्रेस अब डाटा चोरी के इल्जाम से नहीं बच सकती है। अभी तक भाजपा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराने वाली कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

 पूनावाला द्वारा सार्वजनिक प्रस्ताव के मुताबिक 49 पृष्ठों वाला यह प्रस्ताव कैंब्रिज एनालिटिका के पूर्व सीईओ एलेक्जेंडर नीक्स ने तैयार किया था। इस प्रस्ताव का नाम दिया था “डाटा संचालित अभियान: 2019 लोकसभा चुनाव के लिए”  (Data Driven Campaign : The Path to the 2019 Lok Sabha)। यह प्रस्ताव 2017 के अगस्त में तैयार हुआ और तभी कांग्रेस नेतृत्व को दिखाया भी गया। वैसे तो कांगेस अभी तक इस बात से इनकार करती आ रही है कि उसने कैंब्रिज एनालिटिका या उसकी भारतीय शाखा से इस प्रकार की कोई डील हुई है।

अब जब सच्चाई सामने आ गई है, तो इसका भी खुलासा हो गया है कि कांग्रेस ने न सिर्फ लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मदद मांगी थी बल्कि कांग्रेस ने हाल ही में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश तथा कर्नाटक में होने विधानसभा चुनाव के लिए भी चुनाव अभियान रणनीति भी शामिल कराई थी। इस प्रस्ताव के मुताबिक ऑपरेशन सेंटर के साथ नेशनल डाटा इनफ्रास्ट्रक्टर निर्माण की योजना थी, ताकि इस सेंटर से कांग्रेस पार्टी अपने अभियान का कोऑर्डिनेशन करने के साथ योजना भी बना सके।

पूनावाला द्वारा जारी प्रस्ताव के दस्तावेज के मुताबिक इससे जुड़े रिसर्च कार्यों को लिए 3,89,460 डॉलर अनुमानित लागत बताया था। इसके बारे में पूनावाला का कहना है कि महज दस्तावेज पर यह डील 200 से 500 करोड़ रुपये की थी, जबकि यह कम है, वास्तविक मूल्य का तो अनुमान भी लगाना कठिन है।

वैसे कांग्रेस के स्रोतों ने कैंब्रिज एनालिटिका और कांग्रेस पार्टी के बीच इस प्रकार की किसी डील को खारिज कर दिया है। सीए ने अपने प्रस्ताव में जो कार्य करने का वादा किया था उसमें डाटा की खोज, राष्ट्रीय स्थित का विश्लेषण, डाटा संचालित अभियान, रणनीति, संचार परीक्षण, मीडिया मॉनिटरिंग आदि शामिल है। कांग्रेस को रिझाने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका ने अपने प्रस्ताव में उस वाकये का पूरा बढ़-चढ़ा कर जिक्र किया है कि कैसे उनके अभियान ने डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका में राष्ट्रपति का ताज दिला दिया।

इस मामले में खुद पूनावाला का कहना है कि कांग्रेस के राहुल गांधी के सामने इस प्रस्ताव की प्रस्तुति खुद एलेक्जेंडर नीक्स ने दी थी। उन्होंने बताया कि इसी प्रस्तुति के बाद कांग्रेस की गतिविधियों में अचानक बदलाव नजर आने लगा। तभी से कांग्रेस की सोशल मीडिया पर गतिविधि बढ़ गई। कांग्रेस कैंब्रिज एनालिटिका से डील होने की बात भले ही न माने लेकिन दोनों के बीच संबंध होने का खुलासा पहले भी किया गया था। इससे पहले ही क्रिस्टोफर वाइली ने कांग्रेस पार्टी का नाम लेते हुए उसे कैंब्रिज एनालिटिका का एक ग्राहक बताया था। उन्होंने ब्रिटिश संसद के आंतरिक कमेटी के सामने यह बात दोहराई। बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री में कैंब्रिज एनालिटिका के दफ्तर में कांग्रेस का चुनाव चिन्ह मिला था। तभी तो नीक्स को कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

साभार: indiaspeaksdaily.comURL: hence-proven-rahul-gandhi-meets-cambridge-analytica-head-alexander-nix

Keywords: data privacy lapses, cambridge analytica india, cambridge analytica, cambridge analytica india congress, cambridge analytica clients, alexander nix Congress, congress conspiracy, Rahul Gandhi, Shehzad Poonawalla, शहज़ाद पूनावाला

Post a Comment

Previous Post Next Post