नोटबंदी से आम आदमी को हुए ये तीन फायदे



नोटबंदी से आम आदमी को हुए ये तीन फायदे

8 नवंबर को का एक साल पूरा होने जा रहा है। एक साल पहले जब नोटबंदी लागू की गई तो लोगों में काफी उत्साह था और अधिकांश लोगों ने इसका समर्थन किया। लोग लाइन में घंटों खड़े होकर भी खुश थे, सभी को उम्मीद थी कि कुछ महीने बाद इसका बड़ा फायदा मिलेगा। पीएम की वेबसाइट पर नोटबंदी के दूरगामी फायदों को गिनाया गया है।

वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, करीब 50 लाख वर्कर्स के बैंक खाते खोले जा चुके हैं, इसके बाद उन वर्कर्स को अपनी पगार सीधे बैंक खातों में मिलेगी।

नोटबंदी के बाद करीब एक करोड़ से ज्यादा वर्कर्स को
ईपीएफ और ईएसआईसी सिस्टम से जोड़ा जा चुका है। साथ ही डिजिटल ट्रांजैक्शन में 56 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई। अक्टूबर 2016 में 71.27 करोड़ का डिजिटल ट्रांजैक्शन हुआ था, जबकि मई 2017 में सह आंकड़ा 111.45 करोड़ तक पहुंच गया है।

आम आदमी को फायदे कैपिटल सिंडिकेट के मैनेजिंग पार्टनर सुब्रमण्यम पशुपति ने बताया कि नोटबंदी से होम लोन सस्‍ता करने में बड़ी मदद मिली है. नोटबंदी की वजह से बैंकों में काफी बड़ी मात्रा में डिपोजिट आया है। इसका फायदा बैंकों ने आम आदमी को सस्‍ते कर्ज के तौर पर दिया है। ये इसी से साबित होता है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल हाउसिंग दरों में 3 फीसदी तक कमी आई है। पिछले साल ये दरें जहां 10.5 फीसदी से लेकर 12 फीसदी तक थीं, अब ये 8 से 9 फीसदी पर आ गई हैं।


कैश रखने का झंझट खत्म

नोटबंदी के चलते कैशलेश ट्रांजैक्‍शन बढ़ने में काफी मदद मिली है। नोटबंदी के दौरान कैश की किल्‍लत होने से न सिर्फ लोगों ने ज्‍यादा डिजिटल ट्रांजैक्‍शन किए, बल्कि सरकार की तरफ से भी इसके प्रोत्‍साहन के लिए काफी कदम उठाए गए। अक्टूबर में देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह इस बार दिवाली सीजन में लोगों द्वारा डेबिट, क्रेडिट, मोबाइल बैंकिंग से लेकर दूसरे कैशलेस ट्रांजैक्शन के जरिए खरीदारी करना है। अगर ऐसा होता है तो इस महीने देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन का नंबर 96 करोड़ को पार कर जाएगा। इसके पहले नोटबंदी के ऐलान के ठीक बाद दिसंबर 2016 में 95.7 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए थे।

महंगाई पर लगाम

नोटबंदी ने महंगाई पर भी लगाम कसने में मदद की है। सुब्रमण्यम पशुपति बताते हैं कि अवैध पैसे को खपाने के लिए फिजूलखर्ची बड़े स्‍तर पर की जाती है। इसकी वजह से सामान की कीमतें बढ़ती हैं. नोटबंदी के चलते कुछ हद तक यह पैसा सिस्‍टम में वापस आया है। इसके साथ ही सरकार की तरफ से लगातार संदिग्‍ध ट्रांजैक्‍शन पर नजर रखी गई। इसकी वजह से इन ट्रांजैक्‍शन में काफी कमी आई। इसका फायदा महंगाई दर घटने के रूप में मिला। नवंबर, 2016 में महंगाई दर 3.63 फीसदी थी। वह जुलाई 2017 में घटकर 2.36 फीसदी पर आ गई।





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