भरतीय पत्रकारिता मर चुकी है और उसकी लाश अब बदबू मार रही है!



संदीप देव:

BBC के इमरान कुरैशी की रिपोर्ट पढ़िए ..!

फर्जी स्टांप पेपर घोटाले के मास्टर माइंड अब्दुल करीम तेलगी की मौत के बाद लिखी इस रिपोर्ट में तेलगी जैसे अपराधी के लिए कितना सम्मान प्रकट किया गया है! उसे रॉबिनहुड बनाने का प्रयास करते हुए उसके लिए 'उन्होंने', 'गए', 'हैं'- जैसे शब्द का इस्तेमाल किया गया है! 

आपको याद है अभी NDTV में काम करने वाले सुशांत ने रवीश को नंगा करते वक्त यह बताया था कि वहां शहीद भारतीय सैनिकों के लिए 'शहीद' लिखने पर रोक लगा दिया गया था!

अपराधियों के लिए सम्मान और सैनिकों के लिए अपमान भरे शब्द लिखने वाले लोग व संस्थान पत्रकार और मीडिया हाउस तो नहीं ही हो सकते हैं! 

आज ही एक दूसरी घटना में वसूली के धंधे के आरोप में एक अन्य पत्रकार को छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। वह भी कभी इसी बीबीसी का पत्रकार रहा था!

इस देश की मुख्यधारा की पत्रकारिता अब केवल 'एजेंडा जर्नलिज्म' है! भारतीय पत्रकारिता मर चुकी है और उसकी लाश अब बदबू मार रही है! 

Sandeep Kumar Deo

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