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विनोद शर्मा |
जितेंद्र प्रताप सिंह:
विनोद वर्मा छत्तीसगढ़ प्रदेश का कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल का करीबी रिश्तेदार है। उसकी गिरफ्तारी के विरोध में उन्हीं पत्रकारों ने आग उगलना शुरू किया है जो उत्तरप्रदेश में एक मंत्री के इशारे पर उसके गुण्डों और भ्रष्ट पुलिसकर्मियों द्वारा जिंदा जलाकर मौत के घाट उतार दिए गए पत्रकार जगेन्द्र सिंह की बर्बर हत्या पर मुरदों की तरह मौन रहे थे। लेकिन यौन शोषण व बलात्कार सरीखे जघन्य आपराधिक कुकर्म में जेल में बंद हुए तरुण तेजपाल के समर्थन में जमकर नाचे कूदे और चिल्लाए थे।
बाकायदा फोन कर के इन महान पत्रकार महोदय ने अपने चेले के माध्यम से रकम मांगी थी। पुलिस ने इन महान पत्रकार को सीधे गिरफ्तार नहीं किया। पुलिस को तो इन महान महाशय की जानकारी ही नहीं थी। चेला जहां से उन CDs की कॉपी करवा रहा था वहां छापा मारकर पुलिस ने जब CD की 500 कॉपी के साथ चेले को पकड़ा तो चेले ने उगला कि महान पत्रकार जी 1000 कॉपी बनवा रहे हैं। 500 कॉपी उन तक पहुंचा चुका हूं। यह दूसरी खेप पहुंचानी है। तब पुलिस उनके घर पहुंची और महान पत्रकार महोदय को उनके घर से उन 500 कॉपी के साथ पकड़ा।
बाकायदा फोन कर के इन महान पत्रकार महोदय ने अपने चेले के माध्यम से रकम मांगी थी। पुलिस ने इन महान पत्रकार को सीधे गिरफ्तार नहीं किया। पुलिस को तो इन महान महाशय की जानकारी ही नहीं थी। चेला जहां से उन CDs की कॉपी करवा रहा था वहां छापा मारकर पुलिस ने जब CD की 500 कॉपी के साथ चेले को पकड़ा तो चेले ने उगला कि महान पत्रकार जी 1000 कॉपी बनवा रहे हैं। 500 कॉपी उन तक पहुंचा चुका हूं। यह दूसरी खेप पहुंचानी है। तब पुलिस उनके घर पहुंची और महान पत्रकार महोदय को उनके घर से उन 500 कॉपी के साथ पकड़ा।
चेले ने छतीसगढ़ मंत्री के आदमी को फोन क्यों किया था? महान पत्रकार महोदय रॉ खबर की CD की 1000 कॉपी क्यों बनवा रहे थे ?
क्या कोई खबर ब्रेक करने के लिए 1000 CD की जरूरत पड़ती है। लेकिन महान पत्रकार महोदय को शायद इसलिए जरूरत पड़ रही थी क्योंकि उनको CD अपने करीबी रिश्तेदार उस भुपेश बघेल को देनी थी जो छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष भी है।
दरअसल नेता तो इस देश मे सर्टिफाइड बदनाम जीव है। किन्तु पत्रकारिता की खाल ओढ़ के भेड़ बनकर घूम रहे विनोद वर्मा सरीखे ब्लैक मेलर भेड़िये इस देश का सबसे बड़ा संकट हैं।
जिस भी नेता की CD होने के दावा महान पत्रकार कर रहे हैं उस नेता के साहस, को सलाम करता हूं क्योंकि सौदेबाजी के बजाय उसने एक ब्लेकमेलर को सींखचों के पीछे पहुंचवाया, वह भी यह जानते हुए कि यदि ऐसी कोई CD है तो मेरा राजनीतिक जीवन ही समाप्त हो जाएगा।
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