गुंजन अग्रवाल:
दुनिया की कोई सभ्यता-संस्कृति इसकी बराबरी नहीं कर सकती। सृष्टि की उत्पत्ति से लेकर आज तक के एक-एक दिन, एक-एक सैकंड का हिसाब-कि़ताब हिंदुओं ने बड़ी सूझ-बूझ और सावधानी से रखा है। दीर्घ काल तक देवलोक के सम्पर्क में रहने के कारण हमारे सभी तीज-त्योहार किसी दैवीय अथवा अलौकिक घटना से जुड़े हुए हैं। कोई भी त्योहार ऐसा नहीं है जो किसी लौकिक व्यक्ति के लिए मनाया जाता हो। दीपावली का पाँच-दिवसीय त्योहार होता है। देश-विदेश में रह रहे कोटि-कोटि हिंदू, इस त्योहार के उल्लास में डूब जाते हैं।
- आज से 42.89 करोड़ वर्ष पूर्व, चाक्षुष-मन्वन्तर में हुए समुद्र-मंथन के समय कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन आयुर्वेद के प्रवर्तक धन्वन्तरि अमृत-कलश लेकर प्रकट हुए। उन्हीं की जयन्ती को ‘धनत्रयोदशी’ के नाम से मनाते हैं। ‘धनत्रयोदशी’ का ही अपभ्रंश ‘धनतेरस’ हुआ है। वैद्यक समाज में आज के दिन का विशेष महत्त्व है। यहाँ तक कि आयुर्वेद महाविद्यालयों में भी धनतेरस का त्योहार बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
- कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को बहुत जगहों पर हनुमान् जी का जन्मदिवस मनाते हैं। एक परम्परा उनकी जन्मतिथि चैत्र शुक्ल पूर्णिमा मानती है।
- ईसा से लगभग 3195 ई.पू इसी दिन भगवान् श्रीकृष्ण ने कामरूप-नरेश नरकासुर का वध करके उसके हरम में कैद 16,100 स्त्रियों को मुक्त किया था। इसीलिए इस दिन को ‘नरक चतुर्दशी’ कहा गया। ‘नरक चतुर्दशी’ का ही अपभ्रंश ‘नरकाचौदस’ हुआ है। इस घटना को ‘छोटी दीवाली’ के रूप में मनाया जाता है।
- विष्णुपुराण के अनुसार कार्तिक कृष्ण अमावस्या को भगवान् वामन द्वारा बलि को पाताल भेजा गया। 24वें त्रेता और द्वापर की सन्धि में भगवान् श्रीराम रावण-वध करके इसी दिन लंका से अयोध्या पहुँचे थे। चौहद वर्ष बाद उनके आगमन की खुशी में अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया।
- इसी शुभ दिन दिन ईसा से 1792 वर्ष पूर्व (यूरोपीय गणना से 528 ईसा पूर्व) 24वें तीर्थंकर वर्धमान महावीर का पावापुरी में निर्वाण हुआ था।
- कहा जाता है कि इसी दिन गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त अशोकादित्य प्रियदर्शन द्वारा दिग्विजय की घोषणा की गयी। गुप्त-सम्राट् चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य का राज्याभिषेक भी इसी दिन माना जाता है।
- दीपावली के ही दिन उज्जयिनी के 18 वर्षीय युवराज विक्रमादित्य ने 3 लाख शकों एवं हूणों को परास्तकर भारतवर्ष से बाहर खदेड़ा था।
- स्वामी रामतीर्थ का तो जन्म (1873 ई.) और निर्वाण (1906 ई.)— दोनों दीपावली को ही हुआ।
- आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती ने दीपावली के ही दिन (1883 ई.) अजमेर में शरीर छोड़ा था।
- प्रसिद्ध मज़दूर नेता एवं अर्थचिन्तक दत्तोपन्त ठेंगड़ी का जन्म दीपावली को ही (1920 ई.) हुआ था।
- वि.सं. 1980 (1923 ई.) में दीपावली के शुभ दिन आर्य समाज ने दिल्ली में कन्या गुरुकुल की स्थापना की।
- दीपावली की रात्रि को वि.सं. 1999 (1942 ई) लोकनायक जयप्रकाश नारायण हज़ारीबाग सेंट्रल जेल से निकल भागे थ।
- वि.सं. 2007 (1950 ई.) संघ के प्रथम प्रचारक उमाकान्त केशव (बाबा साहिब) आपटे ने जयपुर से ‘भारती’ संस्कृत मासिक पत्रिका का शुभारम्भ किया था।
- भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व, अध्याय 18) के अनुसार कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से ही बलि का राज्य प्रारम्भ माना जाता है।
- ईसा से 3221 ई.पू इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोप-गोपियों की रक्षा हेतु गोवर्धन पर्वत धारण किया था। इस दिन गोवर्धन-पूजा बड़े धूमधाम से की जाती है। इस दिन अन्नकूट का त्योहार भी बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
- महाभारत के सभापर्व के अनुसार ईसा से 3153 ई.पू इसी दिन भीमसेन और जरासंध् में मल्ल-युद्ध प्रारम्भ हुआ था। इसी दिन वि.सं. 1247 (1190 ई.) में बंगाल में ‘लक्ष्मण सेन संवत्’ का प्रारम्भ हुआ था।
- कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन कायस्थ लोग चित्रगुप्त जी की जयन्ती मनाते हैं और कलम-दावात आदि की पूजा करते हैं।
- इसी दिन यमुना ने अपने भाई यम को भोजन कराया, इसलिए इस दिन को ‘यमद्वितीया’ भी कहते हैं। इसी दिन अश्विनीकुमारों को देवत्व तथा यज्ञ भाग प्राप्त हुआ था।
- ईसा से 3153 ई.पू कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन भगवान् श्रीकृष्ण पाण्डवों का सन्धि-प्रस्ताव लेकर हस्तिनापुर के लिए प्रस्थान किए थे।
सभी भारतवासियों को पाँच- दिवसीय दीपावली महापर्व की हार्दिक बधाई।
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