आम आदमी पार्टी की साख को आंच पहुंचाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। लक्ष्मीनगर के विधायक विनोद कुमार बिन्नी के तेवर बहुत कुछ कह रहे हैं। लेकिन अखबारों में बीजेपी के गलियारों से जो खबर छन-छन कर आ रही अगर सच है तो आम आदमी पार्टी के बुरे दिन ज्यादा दूर नहीं। बीजेपी सूत्रों का दावा है कि आम आदमी पार्टी के चार विधायक बीजेपी के दो नेताओं के संपर्क में हैं।
विधायक विनोद कुमार बिन्नी के बागी तेवर
बीजेपी से ‘आप’ में शामिल हुईं टीना शर्मा के बागी सुर और नए सदस्य कैप्टन गोपीचंद का रिटेल में एफडीआई मुद्दे पर उठाए गए सवाल, आम आदमी पार्टी के ऊंचे बढ़ते ग्राफ को लगाम लगाने में मानो ये कम पड़ गए हों। तभी तो बिन्नी ने बाकी कसर को पूरा करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस का ऐलान कर दिया।
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक दिल्ली में सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के अपने ही उसे जोर का झटका दे सकते हैं। कहा जा रहा है कि बिन्नी सहित आम आदमी पार्टी के चार विधायक बीजेपी के दो नेताओं के संपर्क में हैं। ये सभी अपनी पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि बिन्नी ने केजरीवाल मंत्रिमंडल के गठन के वक्त जो बागी सुर अलापे थे, उस वक्त भी वो बीजेपी के संपर्क में थे। कहा तो ये भी जा रहा है कि बिन्नी ने पहली बार जब ये कहा था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वो बड़ा खुलासा करेंगे, वही खुलासा नितिन गडकरी कर चुके हैं।
सूत्रों की मानें तो तब बिन्नी ‘आप’ और कांग्रेस में एक बड़े बिजनेसमैन की मदद से हुई कथित डील का ही खुलासा करने वाले थे। लेकिन उस वक्त उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट देने का वादा कर शांत कराया गया।
बीजेपी सूत्रों का दावा है कि बिन्नी के काफी करीबी माने जाने वाले एक और विधायक बगावत कर सकते हैं। इन दोनों के अलावा पश्चिमी दिल्ली से ‘आप’ के दो और विधायक भी बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं। वे बीजेपी नेताओं से मिलकर ‘आप’ को लेकर अपनी नाराजगी का इजहार कर चुके हैं।
आम आदमी पार्टी के लिए राहत की बात यही है कि पश्चिमी दिल्ली इलाके के दो विधायक नाराज तो हैं, लेकिन अपनी पार्टी छोड़ने के लिए तैयार नहीं। ऐसे में वे पार्टी के भीतर रहकर ही उनकी मुश्किल बढ़ा सकते हैं।
बीजेपी नेताओं की मानें तो उन्होंने आम आदमी पार्टी के किसी विधायक से खुद संपर्क नहीं किया। सूत्रों के मुताबिक ‘आप’ के तीन विधायक पहले से ही बीजेपी के कुछ नेताओं से व्यक्तिगत स्तर पर संपर्क में थे। ‘आप’ में बगावत के बाद भी बीजेपी लोकसभा चुनाव तक शांत रहने की रणनीति पर चल रही है। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली की सियासत में उथलपुथल होने की संभावना है।
माना जा रहा है कि सत्ता से महज चार सीट दूर रह गई बीजेपी लोकसभा चुनाव के बाद नई रणनीति पर अमल कर सकती है। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद अगर दिल्ली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया तो ‘आप’ के बिन्नी समेत चार विधायक वोटिंग से नदारद रह सकते हैं। यानी, बीजेपी को इस वक्त जो मलाल है, वो तब खत्म हो जाए।