चपरासी से पीएमओ तक घूसखोरी में लिप्त: रामदेव [ PMO to peon engage in bribery: Swami Ramdev ]


चपरासी से पीएमओ तक घूसखोरी में लिप्त: रामदेव

योगगुरु बाबा रामदेव ने गुरुवार से शुरू हो रहे अपने आंदोलन से पहले सरकारी महकमे में फैले भ्रष्टाचार पर हमला बोलते हुए कहा है कि देश में चपरासी से लेकर पीएमओ तक सब जगह घूसखोरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ब्लैकमनी में शामिल लोगों के नाम छिपाने के लिए उनसे खुद पैसा मांग रही है।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने एक इनकम टैक्स ऑफिसर का नाम न लेते हुए कहा कि इस अफसर ने उन्हें बताया कि जिन लोगों के नाम ब्लैकमनी मामले में सामने आए हैं, सरकार उन लोगों से 100 करोड़ रुपए तक माग रही है। उन्होंने कहा- ब्लैकमनी छिपाने के लिए के लिए ब्लैकमनी मागी जा रही है।

अपने आंदोलन के बारे में बाबा ने कहा कि हमारे आदोलन के साथ पूरा देश खड़ा है। बाबा रामदेव ने कहा कि देश की केवल तीन संस्थाएं ठीक से काम करने लग जाएं तो देश से समूल भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा। ये तीन हैं सीबीआई, केंद्रीय सतर्कता आयोग और कैग । उन्होंने सीबीआइ के कमजोर रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि सीबीआइ तो सरकार के हाथ की कठपुतली है। सरकार सीबीआइ का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर रही है। सीबीआइ को स्वतंत्र होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार विदेश से कालाधन वापस लाने और लोकपाल कानून को लेकर कतई गंभीर नहीं है।

पत्रकारों ने जब बाबा रामदेव से सवाल पूछा कि क्या आपका भी राजनीतिक एजेंडा है तो उन्होंने कहा कि हमारा कोई भी राजनीतिक एजेंडा नहीं है। हालाकि योगगुरु ने अन्ना के राजनीतिक निर्णय पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार किया।

रामदेव ने सीधे-सीधे केंद्र सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीवीसी की नियुक्ति में धाधली होती है तो सीबीआई स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पाती।

-आंदोलन में बाबा की तीन प्रमुख मांगें

-पहली माग : देश में एक सख्त और मजबूत लोकपाल लाए जिससे भ्रष्टाचार को मिटाया जाए और भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई हो।
-दूसरी माग : विदेश के बैंकों में रखा काला धन वापस लाए और देश के विकास कार्यो और गरीबी हटाने में इसका उपयोग किया जाए।

-तीसरी माग : अब तक सरकार के लिए काम करती रही सीबीआई को एक स्वतंत्र एजेंसी बनाया जाए।
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