1945 में द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के समय जापान बुरे हाल में था। हिरोशिमा और नागासाकी में एटम बम खाया जापान अपने चोटों से उभरने की कोशिश में लगा था। इस समय जापान में एक नेता का उदय हुआ जिसका नाम था "इनेजीरो असानुमा" (Inejiro Asanuma)। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय इनेजीरो असानुमा जापान संसद का सदस्य था और उसने राष्ट्रपति तोजो का साथ दिया था। 1942 में वो कम्युनिज्म से प्रभावित होने लगा और विश्वयुद्ध के समय चीन पर जापान के हमले के कारण जापान के विरोध में आ गया था और उस समय वो जापान की राजनीती से अलग हो चुका था। द्वितीय विश्वयुद्ध के समाप्ति के बाद इनेजीरो असानुमा पूरी तरह से चीन के प्रभाव में आ चूका था और वो चीन की यात्राएँ करता था। उसने जापान में जापान सोशलिस्ट पार्टी नमक कम्युनिष्ट पार्टी बनाई। वो जापान में मौजूदा प्रत्येक पॉलिसी का विरोध करते हुए कम्युनिज्म अपनाने की बातें करता था।
चीन के साथ उसके अनन्य रिश्तों के कारण वो चीन के नेता माओ त्से तुंग का काफी नज़दीकी हो गया था। जापान में माओवाद के प्रसार के लिए लग गया था। 1959 में चीन में माओ त्से तुंग से मिलकर वापस आने पर वो टोक्यो हवाई अड्डे पर जहाज़ से उतरा तो उसके शरीर पर Mao Suit वाली वर्दी थी। इसको वो पूरे जापान में अपनाना चाहता था। पूरी तरह से माओ के रंग में रंगा इनेजीरो असानुमा जापान के औद्योगिक प्रतिष्ठानों के उभार का विरोध करता था। उसने जापान और अमेरिका के बीच होने वाली संधि "Treaty of Mutual Cooperation and Security between Japan and the U.S." का पुरजोर विरोध किया था। वो अमेरिका को जापान और चीन का दुश्मन बताता था (ठीक वैसे ही जैसे भारत के कम्युनिस्ट करते है)। वो सर्वहारा के नाम पर किसी भी तरह के औद्योगिक विकास का विरोध करता था। जापान के Senkaku Islands के ऊपर चीन के साथ चल रहे मतभेद में वो चीन का समर्थन करता था और उसका मानना था कि जापान द्वारा Senkaku Islands चीन को दे देना चाहिए, अगर उसकी पार्टी सत्ता में आई तो वो ऐसा करेगा ( जैसे कि भारत के कम्युनिस्ट कश्मीर के बारे में कहते है)।
Yotoyo Yamaguchi |
जापान में इनेजीरो असानुमा एक तरह का सिरदर्द बन चूका था
अधिक से अधिक लोग उसके प्रभाव में आने लगे थे। 1960 में जापान के Hibiya Park में माओवाद के समर्थन और जापान के व्यवसायवादी नीतियों के विरोध में एक सभा को सम्बोधित करने के बाद वाद-विवाद में भाग ले रहा था। उस समय पूरे हाल में इनेजीरो असानुमा के समर्थन और विरोध में हंगामा चल रहा था। इनेजीरो असानुमा बोल रहा था की तभी एक 17 वर्ष का बालक पूरे वेग से स्टेज पर दौड़ के चढ़ा, उसने अपने समुराई तलवार को पूरा मूठ तक इनेजीरो असानुमा के पेट में घुसा दिया और तुरन्त दूसरा वार भी कर दिया। कम्युनिस्ट पार्टी के लोगों और सुरक्षाकर्मियों ने तुरन्त पकड़ के उस लड़के को अलग किया। पुलिस इस लड़के को पकड़ के ले गई।
घटना के एक घण्टे बाद इनेजीरो असानुमा मर चूका था। उस लड़के का नाम था Otoyo Yamaguchi। घटना के कुछ दिन बाद Otoyo Yamaguchi ने पुलिस स्टेशन में चादर का इस्तेमाल करके सीलिंग के सहारे लटक के फांसी पर झूल गया था। मरने से पहले वो कारगार के दिवार पे लिख गया था... "Seven lives for my Country, Long live His Imperial Majesty, the Emperor - Hirohito" देश के एक गद्दार को मारने की ख़ुशी है।
Otoyo Yamaguchi के उस समुराई तलवार को जापान में कहा जाता है "The sword that saved Japan" क्योंकि Otoyo Yamaguchi ने जापान के इस माओवादी नेता को मार के जापान को माओवाद के दल दल से में घुसने से बचा लिया था। Inejiro Asanuma के ख़त्म होने के साथ माओवादी ग्रुप और पार्टी जापान से सदा के लिए ख़त्म हो चुकी थी, परिणाम हमारे आपके सामने है।
Otoyo Yamaguchi द्वारा जब अपने समुराई तलवार से इनेजीरो असानुमा का वध किया गया तो उस तस्वीर को खींचने वाले फोटोग्राफर को 1961 का Pulitzer पुरस्कार मिला था। भारत से भी माओवादियों का नाश हो !
★★★★★