केविन |
केरल के कम्युनिस्ट शासन में क्रिश्चियन दलित की हत्या कर दी गयी, क्योंकि उसने ऊँची जाति की क्रिश्चियन लड़की से प्रेम करने का साहस किया! मीडिया इस ‘ऑनर किलिंग’ पर खामोश है, क्योंकि बोलते ही यह सच बाहर आ जाएगा कि क्रिश्चिन भी जातियों में बंटे हैं !
हिंदू-मुस्लिम से जुड़ी छोटी सी छोटी घटनाओं को देश भर में तिल का ताड़ बना दिया जाता है, लेकिन केरल के कोटियम जिले में केविन नाम के 26 साल के एक दलित क्रिश्चियन युवक की बेरहमी से इसलिए हत्या कर जाती है क्योंकि उसने तथाकथित ऊंची जाति के सीरियन क्रिश्चियन लड़की से प्रेम विवाह किया था। लेकिन मार्क्सवादियों और सेकुलर जमात को आज सांप सुंघ गया है। कोई इस घटना के खिलाफ आवाज उठाने को तैयार नहीं। मार्क्सवादियों और सेकुलर पत्रकार जमात का इससे बड़ा दोहरा और दोगला चरित्र और क्या हो सकता है।
मुख्य बिंदु
★ सम्मान की रक्षा के लिए हत्या करने से पहले सीपीएम के गुंडों ने दलित युवक का किया था अपहरण।
★ नृशंसता में सीपीएम के गुंडों ने रोहिंग्याओं को छोड़ा पीछे, उत्पीड़न के दौरान युवक की आंखें निकाल ली।
कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार वाले केरल में जाति व्यवस्था पर कम्युनिस्टों का दोहरा चरित्र सामने आया है
केरल के कोल्लाम में एक दलित क्रिश्चियन युवक की सीपीएम के गुंडों ने नृशंसतापूर्वक इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसने ऊंची जाति की सीरियन क्रिश्चियन लड़की से शादी कर ली थी। सम्मान के लिए हत्या की घटना केरल के कोल्लाम इलाके थेनमाला की है, जहां एक नदी के किनारे 26 वर्षीय दलित क्रिश्चियन युवक केविन की लाश मिली है। इस मामले में केविन की पत्नी 20 साल की नीनू चाको ने अपने भाई समेत 12 लोगों के खिलाफ रविवार को केविन के अपहरण करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। खास बात है कि नीनू ने अपने भाई समेत जिन 12 लोगों के खिलाफ इस मामले में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है, वे सभी सीपीएम के यूथ विंग डीवाईएफआई के नेता और कार्यकर्ता हैं। कहने का मतलब साफ है दलित युवक की हत्या सम्मान के साथ जातीय भेद के कारण की गई है, और इसमें हत्यारों को प्रदेश की सरकार के साथ-साथ सत्ताधारी पार्टी सीपीएम का संरक्षण प्राप्त है।
केविन की पत्नी नीनू ने अपनी रिपोर्ट में नियास को मुख्य आरोपी बनाया है
केविन को अपहरण करने के लिए किराए पर वाहन लेने वाला नियास डीवाईएफआई की थेनमाला यूनिट का सचिव है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक ऊंची जाति की सीरियन क्रिश्चियन से शादी करने के लिए केविन की हत्या करने से पहले उस पर अनहद नृशंसता की गई। नक्सलियों की भांति केविन की आंखें तक निकाल ली गईं।
गौरतलब है कि केविन दलित क्रिश्चियन जाति का था। उन्होंने तथाकथित ऊंची जाति के सीरियन क्रिश्चियन समुदाय की नीनू चाको से शादी की थी। हालांकि नीनू के परिवारवाले दोनों के प्रेम संबंध से लेकर शादी तक के खिलाफ थे। इस घटना ने क्रिश्चियन के साथ ही कम्युनिस्टों के असली चरित्र को सामने ला दिया है। ये लोग लव जेहाद (हिंदू-मुस्लिम प्रेम) के समर्थक हैं लेकिन अपने ही समुदाय में ऊंच-नीच का इतना घिनौना भेद करते हैं।
सीरियन क्रिश्चियन पादरी चर्च में छुआछूत और जातीय भेदभाव करते है
वैसे भी ऊंची जाति सीरियन क्रिश्चियन द्वारा भेदभाव करने के खिलाफ दलित क्रिश्चियन के अलग-अलग समूह पूरे केरल में प्रदर्शन करते रहे हैं। हाल ही में एक सीरियन क्रिश्चियन पादरी ने चर्च में छुआछूत और जातीय भेदभाव होने के खिलाफ सरेआम अपनी आवाज उठाई थी। केरल में बहुसंख्यक सीरियन क्रिश्चियन समुदाय जैसी ऊंची जाति में दलित क्रिश्चियन को शादी करने की अनुमति नहीं है। वे लोग हाल में धर्मांतरण कर क्रिश्चियन बनने वालों को दलित मानते हैं, तथा उन्हें न तो अपने चर्च में घुसने की अनुमति देते हैं न ही आम कब्रिस्तान में उन्हें अपने मुर्दों को दफनाने के लिए जगह दी जाती है। केरल समेत अन्य दक्षिणी राज्यों में दलित क्रिश्चियनों के लिए अलग से चर्च और कब्रगाही की व्यवस्था की गई है।
वैसे तो पूरे केरल में दलितों पर पुलिस उत्पीड़न की घटनाएं आम हैं लेकिन केविन के परिवार वालों ने केरल पुलिस के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने जांच अधिकारी पर नीनू के परिवारवालों से रिश्वत लेकर तत्काल कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि केविन के अपहरण करने से लेकर उसकी हत्या करने में शामिल सभी 12 आरोपियों का प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी सीपीएम से गहरे रिश्ते हैं। इसलिए सीपीएम ने भी जांच को प्रभावित किया है। वैसे भी सीपीएम शासन में केरल में पुलिस के राजनीतिकरण की कई रिपोर्ट पहले भी मीडिया में रही हैं। इसलिए अगर इस मामले में भी पुलिस कुछ नहीं कर रही है तो तय है कि प्रदेश सरकार का इशारा मिला हुआ है
लेकिन भारतीय जनता पार्टी की केरल इकाई ने केविन के अपहरण और हत्या के मामले की निष्पक्ष जांच के लिए कोट्टयम जिले में मंगलवार को पूरे दिन हड़ताल करने का फैसला किया है। अगर यही घटना किसी भाजपा शासित राज्य में हुई होती तो यही कम्युनिस्ट और सेकुलर पत्रकारों की जमात पूरे आसमान को सिर पर उठा लिया होता। लेकिन कितनी ताज्जुब की बात है कि कम्युनिस्ट शासित राज्य केरल में सम्मान के लिए एक दलित युवक केविन की क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी गई। लेकिन न तो चर्च न ही कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ कोई विरोध या प्रदर्शन हुआ है।
वैसे तो पूरे केरल में दलितों पर पुलिस उत्पीड़न की घटनाएं आम हैं लेकिन केविन के परिवार वालों ने केरल पुलिस के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने जांच अधिकारी पर नीनू के परिवारवालों से रिश्वत लेकर तत्काल कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि केविन के अपहरण करने से लेकर उसकी हत्या करने में शामिल सभी 12 आरोपियों का प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी सीपीएम से गहरे रिश्ते हैं। इसलिए सीपीएम ने भी जांच को प्रभावित किया है। वैसे भी सीपीएम शासन में केरल में पुलिस के राजनीतिकरण की कई रिपोर्ट पहले भी मीडिया में रही हैं। इसलिए अगर इस मामले में भी पुलिस कुछ नहीं कर रही है तो तय है कि प्रदेश सरकार का इशारा मिला हुआ है
लेकिन भारतीय जनता पार्टी की केरल इकाई ने केविन के अपहरण और हत्या के मामले की निष्पक्ष जांच के लिए कोट्टयम जिले में मंगलवार को पूरे दिन हड़ताल करने का फैसला किया है। अगर यही घटना किसी भाजपा शासित राज्य में हुई होती तो यही कम्युनिस्ट और सेकुलर पत्रकारों की जमात पूरे आसमान को सिर पर उठा लिया होता। लेकिन कितनी ताज्जुब की बात है कि कम्युनिस्ट शासित राज्य केरल में सम्मान के लिए एक दलित युवक केविन की क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी गई। लेकिन न तो चर्च न ही कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ कोई विरोध या प्रदर्शन हुआ है।
पादरियों और चर्च से संबंधित और जानकारी पढ़े -