कम्युनिस्ट शासित देश “उत्तरी कोरिया” में 'कुत्तों को खिला देते हैं इंसानों की डेड बॉडी'

जी हैओन-ए : उत्तरी कोरिया निवासी, जो भाग कर दक्षिण कोरिया आई है।



यूनाइटेड नेशन्स (U N) में अमेरिका की अम्बेस्डर निक्की हेलीनॉर्थ कोरिया में मानवाधिकार” को लेकर एक मीटिंग ले रही थी। इसी मीटिंग में नॉर्थ कोरिया से भाग निकलने में कामयाब रहने वालीं एक महिला जी हैओन-ए  ने दावा किया है कि “उन्होंने नॉर्थ कोरिया के जेल कैंप में इंसानों की डेड बॉडी को कुत्ते को खिलाते देखा है।”

आइए जानते हैं पूरा मामला …!

जी हैओन-ए ने मीटिंग में दुनिया से अपील करते हुए कहा कि नॉर्थ कोरिया पर कार्रवाई की जाए। महिला नॉर्थ कोरिया से भागने के बाद 3 बार चीन से पकड़ ली गई। हालांकि, अंत में वह फिर नॉर्थ कोरिया से भागकर साउथ कोरिया पहुंचने में सफल रही।

जबरदस्ती देश लाने वाली महिला की खौफनाक दास्ता” नाम से इवेंट आयोजित किया गया था। इस इवेंट को अमेरिका, फ्रांस, जापान, साउथ कोरिया, कनाडा और इंग्लैंड ने स्पॉन्सर किया था।

महिला ने हाल में नॉर्थ कोरिया से भागने की कोशिश कर रहे एक सैनिक के बारे में बताते हुए कहा कि “वे नॉर्थ कोरिया के 2 करोड़ 50 लाख लोगों के आजादी पाने के ख्वाब का प्रतिनिधित्व करते हैं”!
निक्की हेली : UN में अमेरिका की अम्बेसडर

महिला ने नॉर्थ कोरिया को एक ''खौफनाक जेल'' बताया और कहा कि किम लगातार "बड़े नरसंहार" कर रहा है। वहां जीना किसी चमत्कार जैसा है। महिला ने चीन से अपील करते हुए कहा कि नॉर्थ कोरिया से भागने वाले लोगों को उन्हें वापस कोरिया में नहीं भेजना चाहिए, क्योंकि उन्हें नहीं पता है कि वहां उनके साथ क्या सलूक किया जाता है।

मीटिंग में निकी हेली ने कहा कि नॉर्थ कोरियाई लोगों की पूरी कहानी दुनिया के सामने आने की जरूरत है। यूनाइटेड नेशन्स की इस मीटिंग में कई देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इस दौरान नॉर्थ कोरिया में मानवाधिकार हनन के अन्य मामलों पर भी चर्चा हुई।

कम्युनिस्टवाद को लोकतंत्र से खतरा होता है

जब कम्युनिस्ट किसी देश मे सत्ता में नही होते है तो ये गरीब, मजदूर और किसानों बात करते है। लेकिन वास्तव में इन कम्युनिस्टो का गरीब, मजदूर और किसानों से कोई संबंध नही होता है। इसका उदाहरण भारत मे ही देखा जा सकता है।

पहला उदाहरण, “पश्चिम बंगाल में यही कम्युनिस्ट (सीपीआई) 30 वर्ष सत्ता में रही, उस दौरान बंगाल का पूरा उद्योग चौपट हो गया, 50 हजार से ज्यादा अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों की हत्या किए! दूसरा उदाहरण केरल की है, जहा कम्युनिस्ट शासित राज्य है, आज भी यहाँ हत्यायो का दौर लगातार जारी है।”

वास्तव में कम्युनिस्टो के डीएनए में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नही होती है। कम्युनिस्टो की पैदाइश ही तानाशाही से हुई है।

किम जोंग: उत्तरी कोरिया के कम्युनिस्ट शासक

कार्ल मार्क्स के “समाजवाद” को अपना मार्गदर्शक मानते है लेकिन उनका इससे भी कोई सम्बंध नही है। लेनिन और स्टॅलिन ने “समाजवाद” के नाम पर 11 करोड़ से ज्यादे हत्याएं करवाई है। इनके शिष्यों ने भी वही किया और आजतक कर रहे है।

चीन पर 1949 में “समाजवाद” का भूत चढ़ा, और गरीब, मजदूर के नाम पर पूरे चीन पर कब्जा कर लिया। 1949 से आजतक चीन में लोकतंत्र के लाले पड़े है। गरीब, मजदूर का नारा समाप्त हुआ, चीन के मजदूर बंधुआ मजदूरों से भी बुरी स्थिति, गुलामो जैसे जीवन जी रहे है। आप को चीन का आइटम सस्ता मिलने का एक प्रमुख कारण यही है।

और दूसरे कम्युनिस्ट देश उत्तरी कोरिया के बारे में भली भांति परिचित हो गए है।

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