रामसेतु - एक विदेशी की आँखों से …!




Chris Jacob,  (October 17, 2015 at 7.31 PM):
आहा ... मैं एक कैथोलिक हूँ और फिलीपीन्स से केरल आ रहा था। क्वालालम्पुर से कोच्चि एयर एशिया ... भारतीय समय से सुबह 6 बजे कोच्चि उतरने से पहले वायुयान ठीक रामसेतु से ऊपर से गुजरता है।

मैं अभी सोकर उठा ही था और नीचे देख रहा था और कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये द्वीप कैसे हैं, ये रचना प्राकृतिक तो नहीं हो सकती क्योंकि मैं फिलीपीन्स, थाईलैंड और मलेशिया में पहले हजारों द्वीप देख चुका हूँ। नीचे के उन द्वीपों में एक प्रभामंडल था, तुरत कुछ कौंधा... कहीं ये रामसेतु तो नहीं? मैंने सर्च किया और कुछ तस्वीरें ऑनलाइन देखीं और ये वही था। जब मैं उन द्वीपों को देख रहा था,  मेरा मन समाधि की अवस्था में चला गया।

सच कहूँ, रामसेतु भारत की महानतम निधि है, ताजमहल नहीं, भारत का सबसे दर्शनीय स्थल, वो प्रभामंडल विस्मयकारी है।  ऊपर से देखते हुए भी “उनकी बनावट कैसी है!” बिल्कुल मन को झकझोर देने वाला... मैंने भारत एवं अन्य देशों में बहुत से आध्यात्मिक स्थल देखे हैं... रामसेतु की टक्कर में कोई नहीं आ सकता। रामसेतु से निकलती हुई आध्यामिक ऊर्जा का आप अनुभव कर सकते हैं... आज भी... इसका ऐसा प्रभाव है। मुझे जो अनुभूति हुई उसका वर्णन नहीं हो सकता। लगा जैसे किसी ऐसी शक्ति के सान्निध्य में हूँ जो बाकी सभी शक्तियों से बड़ी है।

हो न हो, राम कोई अतिप्राकृतिक (SuperNatural) सत्ता हैं

रामसेतु को देखना, किसी भी आधुनिक यन्त्र से या सारी मानवजाति की शक्ति मिलाकर भी रामसेतु नहीं बनाया जा सकता और युगों युगों के लिये इतना सुदृढ़ नहीं बनाया जा सकता। रामसेतु कोई प्राकृतिक घटना नहीं है, ये तो इल्युमिनाती मीडिया है जो लगातार रामसेतु को कम कर के आँक रहा है और इसे नष्ट भी करना चाहता है।

रामसेतु इस पृथ्वी का सबसे बड़ा चमत्कार है, न कि ताजमहल या चीन की महान दीवार। ये सच में देखकर ही समझ में आता है। रामसेतु के बारे में जानकारी पर ऐसा घोर प्रतिबन्ध? यकीन नहीं आता। बस क्वालालम्पुर से प्लेन ले लीजिये कोच्चि तक यदि आवश्यक हो या चार्टर कॉप्टर कर लीजिये। मैं उसी मार्ग से पुनः जाने की योजना बना रहा हूँ, सिर्फ रामसेतु को फिर ऊपर से देखने के लिये।

इतने महीने बीत जाने पर भी मैं उस प्रभामंडल को महसूस कर सकता हूँ और तबसे राम के बारे में सब कुछ पढ़ चुका हूँ। विस्मयकारी... यह यथार्थ है जब वे कहते हैं... “तुम्हारे सब पाप धुल जाएंगे, यदि तुम राम के संपर्क में आ गए!”

मैं क्रिस्चियन हूँ और गम्भीरता से कहता हूँ, रामसेतु का दर्शन करना मेरे जीवन की सबसे महान उपलब्धि है और मैं 40 के आसपास हूँ, बहुत सी जगहों पर घूमा हूँ, अनेक स्थानों पर कार्यरत रहा हूँ।

राम और रामसेतु के बारे में मैं घण्टों लिख सकता हूँ। हर भारतीय और मनुष्य को एकबार रामसेतु जाना चाहिये। श्रीराम के बारे में हम अब तक जो कुछ जानते हैं वह उनकी महत्ता का 0.01% भी नहीं है। रामसेतु को एकबार इसके सम्पूर्ण वैभव में आप आकाश से देख लें, आप निश्चय ही समझ जाएंगे - प्रभु श्रीराम कौन हैं !


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