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गीताली सैकिया |
राहुल जी! आपके सामने आपके गाडी पर चढ़कर आपकी सिक्यूरिटी को धता बताते हुए एक लड़की ने आपके ही साथ सेल्फी लेकर आपके ही शब्दों में चीनियों को रोजगार दे डाला! इसे आपकी बेइज्जती समझी जाए या नहीं
गीताली सैकिया:
राहुल गाँधी जी से मुझे भी बहुत लगाव है! हलाकि उनके साथ मेरी सेल्फी की बिलकुल इच्छा नही है। सेल्फी तो मैं ऐसे भी नही लेती.. बड़ा चीप लगता है। बत्तख जैसा मुंह बनाओ… फिर सेल्फी लो.. फिर सबको दौड़-दौड़ के दिखाओ कि ये देखो! हकीकत में मेरी शक्ल भले ही पाइनएप्पल जैसी है पर सेल्फी में मैं अंजेलिना जोली लगती हूँ। मुझे बस हाल चाल (राहुल गांधी से) पूछना है कि “इतनी हार के बाद भी इस इंसान के चेहरे पर एक शिकन तक नही आती....! क्या लेवल है मेंटल टफनेस का..!”
पिछली बार राहुल जब चुनावों के पहले असम आये थे तो उन्होंने बारपेटा होत्रो में जाना चाहा। पता लगा कि युवराज दो दिन से नहाए ही नही है तो उन्हें कहा गया कि नहाके आओगे तभी इंट्री मिलेगी… वरना नही। नहाने की बजाय राहुल जी होत्रो में गए ही नही और और मीडिया में बोल दिया गया की आरएसएस ने उन्हें घुसने नही दिया। अब आरएसएस का होत्रो से क्या लेना देना? खैर छोड़ो!
उसके पहले जब आये थे तो एक यहाँ एक महिला ने उन्हें किस किया। इस दुर्घटना के आधार पर राहुल के मातहतों ने कहा की ये राहुल का क्रेज है। ये संकेत है कि “असम में जीत तय है कांग्रेस की!” लकिन बाद में पता चला की उस औरत के हसबैंड ने उसे इस हरकत के कारण डिवोर्स दे दिया … सुनने में आया की उसने सुसाइड कर ली। खैर ये भी छोडो ..!
दो दिन पहले चुनाव रैली में किसी लड़की ने राहुल के सारे चक्रव्यूह को तोड़कर राहुल के साथ सेल्फी ली। अब तो ज्यादा हो गया..। मतलब इतना भी लोअर सेटअप नही करना चाहिए की पूरा कार्यक्रम प्राइमा फेसी ही प्रायोजित लग लगे। ठीक है! माना कि राजनीति भी अब TRP बेस्ड हो चली है। सबको मालूम है की ये सब स्क्रिप्टेड हैं। लेकिन इतना बुरा होम वर्क साफ़-साफ़ नजर आया सब कुछ। खैर अगली बार रिहर्सल कर लेना।
वैसे बता दू की राहुल जी पर असम में केस चल रहा है ...। उसकी सुनवाई के लिए अक्सर कोर्ट उन्हें बुलाती रहती है यहाँ। किसी दिन क्या पता मिल ही जाए… बस देखना है उन्हें की इस टाइप लोग वास्तव में कैसे दिखते हैं ..। ज्यादा सवाल भी नही पूछना.. क्यों कि पहले ही एक असमिया अर्नब गोस्वामी उन्हें सवालों में लपेट चुका है।
मेरा बस एक सवाल पूछने का मन है ....
पिछली बार राहुल जब चुनावों के पहले असम आये थे तो उन्होंने बारपेटा होत्रो में जाना चाहा। पता लगा कि युवराज दो दिन से नहाए ही नही है तो उन्हें कहा गया कि नहाके आओगे तभी इंट्री मिलेगी… वरना नही। नहाने की बजाय राहुल जी होत्रो में गए ही नही और और मीडिया में बोल दिया गया की आरएसएस ने उन्हें घुसने नही दिया। अब आरएसएस का होत्रो से क्या लेना देना? खैर छोड़ो!
उसके पहले जब आये थे तो एक यहाँ एक महिला ने उन्हें किस किया। इस दुर्घटना के आधार पर राहुल के मातहतों ने कहा की ये राहुल का क्रेज है। ये संकेत है कि “असम में जीत तय है कांग्रेस की!” लकिन बाद में पता चला की उस औरत के हसबैंड ने उसे इस हरकत के कारण डिवोर्स दे दिया … सुनने में आया की उसने सुसाइड कर ली। खैर ये भी छोडो ..!
दो दिन पहले चुनाव रैली में किसी लड़की ने राहुल के सारे चक्रव्यूह को तोड़कर राहुल के साथ सेल्फी ली। अब तो ज्यादा हो गया..। मतलब इतना भी लोअर सेटअप नही करना चाहिए की पूरा कार्यक्रम प्राइमा फेसी ही प्रायोजित लग लगे। ठीक है! माना कि राजनीति भी अब TRP बेस्ड हो चली है। सबको मालूम है की ये सब स्क्रिप्टेड हैं। लेकिन इतना बुरा होम वर्क साफ़-साफ़ नजर आया सब कुछ। खैर अगली बार रिहर्सल कर लेना।
वैसे बता दू की राहुल जी पर असम में केस चल रहा है ...। उसकी सुनवाई के लिए अक्सर कोर्ट उन्हें बुलाती रहती है यहाँ। किसी दिन क्या पता मिल ही जाए… बस देखना है उन्हें की इस टाइप लोग वास्तव में कैसे दिखते हैं ..। ज्यादा सवाल भी नही पूछना.. क्यों कि पहले ही एक असमिया अर्नब गोस्वामी उन्हें सवालों में लपेट चुका है।
मेरा बस एक सवाल पूछने का मन है ....
"राहुल जी! आपके सामने आपके गाडी पर चढ़कर आपकी सिक्यूरिटी को धता बताते हुए एक लड़की ने आपके ही साथ सेल्फी लेकर आपके ही शब्दों में चीनियों को रोजगार दे डाला! इसे आपकी बेइज्जती समझी जाए या नहीं ? "
खैर छोडो!
खैर छोडो!
(लेखिका एक अध्यापिका है व आसाम की रहने वाली है)