अजित सिंह:
पिछली बार August 2016 में जब बनारस के Road Show में राजमाता की तबियत बिगड़ी तो वो बेहोश हो के अपनी SUV में लुढ़क गयी थीं और कंधा Dislocate हो गया था। ये पोस्ट मैंने तब लिखी थी ........।
गीता में लिखा है कि “यदा यदा ... !” मने जब जब धर्म की गिलानी होगी, मैं धर्म के अभ्युत्थान के लिए रोड शो करूंगी।
सो राजमाता Edvige Antonia Albina Maino ने रन-चंडिका-रक्त-चंडिका का रूप धारण कर, हाथ में खड्ग, खप्पर, चापड़, चाकू लिए, युद्ध भूमि की ओर बढ़ चली ।
साथ में थी 7-अक्षौहिणी सेना थी जो महारथी अजय राय ने अपने राज्य पिण्डरा से एक बोतल कच्ची दारू और दो पीस चिखने खिला के एकत्र की थी! रणभेरी बज उठी .....दुदुंभी बजने लगी ....राज बब्बर और गुलाम नबी इत्यादि महारथियों ने अपने अपने शंख बजा के युद्ध के आरम्भ की घोसना की ....!
राजमाता सफ़ेद घोड़ा छाप रथ पे सवार थी तो उधर शीला भी शीलाजीत खा के जवानी को प्राप्त हुई जाती थी ।
शीला ने सुशीला से कहा, हे सुशीला मुझे युद्ध भूमि में ले चलो जिस से कि मैं शत्रु सेना के महारथियों को देख सकूं। और फिर युद्ध प्रारम्भ हुआ ही था कि खप्पर धारिणी का पेट खराब हो गया। अंग प्रत्यंग शिथिल पड़ने लगे। मूर्छा आने लगी। इस से पहले कि राज बब्बर और परेशान्त किशोर इत्यादि योद्धा रेस्क्यू कर पाते, राजमाता मूर्छित हो के रथ में लुढक गयी। कंधा dislocate हो गया। किसी तरह पानी का छीटा मार के होश में लाये तो बोली, पेट झर रहा है ......संडास लियाओ …!
अब बीच रणभूमि में संडास कहाँ से आता। सो योद्धा को कुछ दूर स्थित एक budget होटल ....Hotel Modern में ले गए। वहाँ का मालिक तो इतने बड़े महारथी शूरवीर को अपने सस्ते से होटल में देख के ही हक्का बक्का रह गया।
राज बब्बर ने कहा, AC कमरा खाली करो ......सर AC कमरे तो सब लगे हुए हैं .....राज बब्बर ने निकाल के कट्टा सटा दिया .......!
मालिक ने master key निकाल के, किसी तरह रूम no-102 खोला .....उस कमरे में जो आदमी रुका था, उसका चड्ढी बनियान उठा के बाहर फेंका और राजमाता को उस रूम में प्रतिष्ठापित किया।
मूर्छित अवस्था में राजमाता मल-मूत्र का वेग सम्हाल न पायी थी सो कपड़ा सब बिगड़ गया था। अब समस्या ये कि वहाँ अब साड़ी-साया-बिलाउज कहाँ से लाये change करने को। सो आधे घंटे बाद, राजमाता के सामान में से कपड़ा आया और राजमाता ने कपड़ा change किया।
स्थानीय सरकारी अस्पताल से दो डॉक्टर आये, उन्होंने बताया की low BP, High Fever और Dehydration है। drip लगाई, दो घंटे तक राजमाता उसी रूम में रही।
अब उस Modern Hotel के मालिक भाव विभोर हैं। जब से राजमाता के चरण पड़े हैं होटल में, वो होटल एक मंदिर के रूप में तब्दील हो गया है। रूम no-102 को तो ऐतिहासिक धरोहर मने monument of National importance घोसित कर दिया है। सुबह साम उस संडास की आरती उतारी जा रही है जिसपे राजमाता बैठ के हलकी हुई ......!
इस बीच खबर ये है कि उस दिन युद्ध भूमि में वीरगति को प्राप्त होने वाली राजमाता एक मात्र योद्धा नहीं थी। पूर्व सांसद राजेस मिसिर भी लहुराबीर जाते जाते बेहोस हो गए और आंबेडकर पार्क में विभूति नारायण पाण्डेय जी लुढक गए। वैसे बताया गया कि तापमान उस दिन सिर्फ 34 ℃ था पर कमबखत का फील 42℃ वाला था ।
खबर है कि दिल्ली में राजमाता की कंधे की surgery हुई और कन्धा फिर set हुआ । अब 3 महीना माता को युद्ध भूमि से दूर रहने की सलाह दी गयी है ।
साभार: अजीत सिंह के फेसबुक दीवार से !