शिवराज मानहानि मामलाः कांग्रेस प्रवक्ता दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई 2 साल की सजा



व्यापमं घोटाले को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा पर सीएम शिवराज द्वारा दर्ज मानहानि मामले में भोपाल कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने केके मिश्रा को दोषी करार देते हुए दो साल की कैद और 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराज और उनकी पत्नी साधना सिंह पर व्यापमं परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाये थे।



इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केके मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्रायल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद अब इस पूरे मामले में कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है।

ये है पूरा मामला

  • शासन ने 2014 में कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा पर मानहानि का दावा।

  • मानहानि के परिवाद पर कोर्ट में 26 जून को सुनवाई शुरू हुई।

  • परिवहन आरक्षक भर्ती में शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह की भूमिका पर सवाल उठाए थे।

CM की तरफ से परिवाद में उठाए गए थे 5 प्रमुख सवाल

  • 1- गोंदिया के 19 परीक्षार्थियों की नियुक्तियों का आरोप पूरी तरह से गलत है, गोंदिया का एक भी चयनित नहीं हुआ।

  • 2- फूलसिंह चौहान मुख्यमंत्री के मामा नहीं हैं, सीएम के एकमात्र मामा का निधन हो चुका है।

  • 3- आरोपियों को सीएम हाउस से 139 कॉल होने का आरोप पूरी तरह से गलत, इसका कोई रिकार्ड नहीं।

  • 4- कांग्रेस प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री, उनके परिजनों और सरकार को बदनाम करने की नीयत से झूठी टिप्पणियां कीं, जिससे मानहानि हुई।

  • 5- कॉल डिटेल और एसएमएस की सूची कहां से मिली, के के मिश्रा बताएं। कांग्रेस द्वारा जारी की गई सूची में हाथ से चिन्ह लगाए गए, जिससे यह जांच को प्रभावित करने वाला कृत्य है।


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