अल-कायदा से जुड़े मौलाना को लेकर कांग्रेस ने दिया देश को ऐसा धोखा, पूरा देश रह गया भौंचक्का

MAULANA ANZAR SHAH QASMI


 मौलाना अंज़र शाह कासमी के आतंकी संगठन अल-कायदा से जुड़े होने की बात सामने आयी थी, मगर कांग्रेस सरकार के चलते पुलिस ने जांच में ऐसी ढील बरती कि देश के खिलाफ गतिविधियां चलाने वाले मौलाना को अदालत ने रिहा कर दिया।

डॉ राहुल जामवाल:
कांग्रेस के आतंकियों के साथ सम्बन्ध हैं, ऐसे दावे देश के कई नेता बार-बार करते रहे हैं। लेकिन अब जो बहुत हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है, उसे देखकर आप निश्चित ही मान जाएंगे कि कांग्रेस आतंकियों के समर्थन में सदा ही खड़ी रहती है। दरअसल टीपू सुलतान की जयंती मनाने में कांग्रेस सरकार इतनी व्यस्त थी कि उसे ध्यान ही नहीं रहा कि उसी के प्रदेश में एक आतंकी मौलाना की पेशी चल रही है और वहां उसे ध्यान देने की जरुरत है या शायद जानबूझ कर ही आतंकी के खिलाफ मजबूत केस नहीं बनाया गया।

कांग्रेस राज में अल-कायदा आतंकी रिहा

बहरहाल एक दुर्दांत आक्रांता की जयंती के लिए जश्न की तैयारी में कर्नाटक की पूरी सरकार ऐसी व्यस्त हो गयी कि उसकी पुलिस दुनिया के सबसे खूंखार इस्लामिक आतंकी दल अल-कायदा के एक संदिग्ध मौलाना के खिलाफ सबूत जुटाने में नाकाम हो गयी।

दरअसल मौलाना अंज़र शाह कासमी के आतंकी संगठन अल-कायदा से जुड़े होने की बात सामने आयी थी, मगर कांग्रेस सरकार के चलते पुलिस ने जांच में ऐसी ढील बरती कि देश के खिलाफ गतिविधियां चलाने वाले मौलाना को अदालत ने रिहा कर दिया।

दबाव बनाकर केस को दबा दिया

पुलिस ने कोर्ट में सबूत ही पेश नहीं किये, जिससे अदालत मौलाना की सज़ा को बरकार रख सके। अब साध्वी प्रज्ञा या कर्नल पुरोहित जैसा कोई होता तो झूठे आरोपों में भी फंसा सकते थे और बिना किसी सबूत और चार्जशीट के भी सालों जेल में रख सकते थे, मगर अल-कायदा के आतंकी मौलाना के साथ कांग्रेस ने ऐसा ढुलमुल रवैय्या अपनाया कि पुलिस ने अदालत में घुटने टेक दिए।

साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित और असीमानंद को झूठे मामलों में फंसाने के लिए एनआईए से लेकर एटीएस तक पीछे लगा दी गयी थी, मगर यहाँ पुलिस पर भी ऐसा दबाव बनाया गया कि आतंकी जल्द से जल्द रिहा हो जाए। सोमवार को (23-10-2017) 12 बजे जेल प्रशासन ने मौलाना को रिहा कर दिया।

पुख्ता सबूत होने का दावा करने वाली पुलिस अदालत में रही मौन

जमीअत उलेमा ए हिंद के प्रेस सचिव मौलाना फजलुर्रहमान की सूचना के बाद मिली इस यह खबर से मुसलमानों और मौलाना के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। यह गिरफ्तारी 2 साल पहले बंगलौर पुलिस द्वारा की गयी थी, उस वक़्त बताया गया था कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि मौलाना अल-कायदा से जुड़ा हुआ है।

मगर इसके बाद जांच में घोर लापरवाही दिखाई गयी और आखिरकार उसका परिणाम अब दुनिया के सामने है। एक बार फिर इस पूरे मामले में राजनेताओं की वाहवाही हुई और पुलिस की बदनामी हो गयी, जिसने उस समय बेहद पुख्ता सबूतों और प्रमाणों आदि का दावा किया था।

आतंकियों को रिहा करके देशभक्तों को जेल में पहुंचाने वाली कांग्रेस अब गुजरात में पीएम मोदी पर कीचड उछाल कर किसी भी तरह से गुजरात की सत्ता हथियाने के पीछे पड़ गयी है। मोदीराज में विकास के चरम पर बैठे गुजरात में यदि कांग्रेस जीत जाती है, तो फिर गुजरात का क्या होगा ये तो भगवान् ही जानें।

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