खुशवंत सिंह |
वरिष्ठ पत्रकार, उपन्यासकार, लेखक और इतिहासकार खुशवंत सिंह देश की जानी-मानी शख्सियत थे। खुशवंत सिंह को पद्म भूषण और पद्म विभूषण दोनों सम्मान से नवाजा जा चुका है। सिंह की गिनती प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीबियों में की जाती है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि गलत होने पर वह इंदिरा गांधी का विरोध करने से भी न चूके थे।
खुशवंत सिंह के पिता की गवाही पर ही शहीद भगत सिंह को जेल हुई थी। वरिष्ठ पत्रकार, उपन्यासकार, लेखक और इतिहासकार खुशवंत सिंह देश की जानी-मानी शख्सियत थे। खुशवंत सिंह को पद्म भूषण और पद्म विभूषण दोनों से नवाजा जा चुका है।
इनके पिता की गवाही पर भगत सिंह को हुई थी जेल
खुशवंत सिंह का जन्म 2 फरवरी 1915 ई में पंजाब के हदाली (वर्तमान में पाकिस्तान) में हुआ था। उनके पिता का नाम सर सोभा सिंह था, जो अपने समय के प्रसिद्ध ठेकेदार थे। खुशवंत के बारे में कहा जाता है कि वह बचपन में भगत सिंह का ऑटोग्राफ लेने जेल पहुंच गए थे जबकि उन्हीं के पिता सर शोभा सिंह की गवाही पर भगत सिंह व बटुकेश्वर दत्त को जेल हुई थी।
आधी दिल्ली के मालिक थे पिता
खुशवंत सिंह के पिता सरदार सोभा सिंह उस समय के बहुत बड़े ठेकेदार थे। सिविल कंट्रैक्टर और लुटियंस दिल्ली के जाने माने बिल्डर सोभा सिंह को आधी दिल्ली का मालिक कहा जाता था। कहा जाता है लुटियंस दिल्ली के आधे से ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट उनके की पास थे। उनके चाचा उज्जल सिंह पंजाब और तमिलनाडु के राज्यपाल रह चुके हैं।
पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित
खुशवंत सिंह को 1974 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। हालांकि 1984 में स्वर्ण मंदिर में सेना के प्रवेश के विरोध (ऑपरेशन ब्लू स्टार) में उन्होंने यह सम्मान लौटा दिया था। 2007 में उन्हें पद्म विभूषण से विभूषित किया गया।
राज्यसभा के रहे हैं मेंबर
दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार की ओर से खुशवंत सिंह को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था। वह 1980 से 86 तक सांसद रहे। उन्होंने कई वर्षों तक लाहौर उच्च न्यायालय में वकालत की और 1947 में विदेश मंत्रालय में शामिल हुए। इसके साथ ही खुशवंत सिंह ने 99 साल की उम्र तक लिखना नहीं छोड़ा, वो सुबह चार बजे उठ कर लिखना पंसद करते थे।
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