५ जनवरी को नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में सांगली के श्री शिव प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित महानगढ से रायगढ यात्रा का समापन हुआ । इस अवसर पर बोलते हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मिदवार एवं गुजरात के मुख्यमंत्री श्री. नरेंद्र मोदी ने प्रतिपादित किया कि अंग्रेजों ने भारतके तेजस्वी इतिहास को तोडफोड कर यह इतिहास भारतियों के समक्ष प्रस्तुत किया एवं स्वातंत्र्य प्राप्त होने के पश्चात उसका ही पोषण किया गया । कुछ लोगों ने भारत का सत्य इतिहास हम तक नहीं पहुंचने दिया । हम सब मिलकर भारत को भव्य दिव्य बनाने का छत्रपति शिवाजी महाराज का सपना साकार करेंगे ! इस अवसरपर श्री शिव प्रतिष्ठान के संस्थापक अध्यक्ष पू. संभाजी भिडेगुरुजी भी उपस्थित थे । इस अवसर पर श्री. मोदी ने छत्रपति शिवाजी राजा का त्रिवार जयजयकार कहते हुए भाषणका आरंभ किया ।
श्री. नरेंद्र मोदीने आगे कहा..
१. चाहे अकाल की समस्याएं हो, चाहे देश की सीमाओं की सुरक्षा हो, शिवाजी राजा की ३५० वर्ष पूर्व की राजनीति, समाजनीति, धर्मनीति तथा सुशासन वर्तमान समय में भी मार्गदर्शक है; परंतु इतिहास ने शिवाजी राजा के इस विशाल रूपको केवल योद्धकी प्रतिमा में बंद कर डाला है ।
२. इतिहासकारों ने सूरत मोहिम का ‘सूरतकी लूट’ के रूपमें वर्णन किया है । यह इतिहास का विकृतीकरण एवं शिवाजी राजा का घोर अपमान है । इसके स्थान पर उन्होंने औरंगजेब को लूटा, ऐसा कहना चाहिए था ।
३. हिंदुस्थान में एक भी भाषा नहीं, जिसने शिवाजी राजाके संदर्भ में न लिखा हो । शिवाजी एक महान राजा थे, जिनके संदर्भमें सभी भाषियोंको ज्ञान था ।
४. इस कार्यक्रमके लिए आमंत्रण देने वाले पू. संभाजी भिडेगुरुजीका मैं आभारी हूं । उन्होंने मुझे कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया, अपितु आदेश ही दिया, जिसे मैं टाल ही नहीं सकता ।
५. शिवाजी राजा की भूमिको मैं नमन करता हूं ! भारत कुशासनमुक्त हो, भारतमें सुशासन आए तथा इस पवित्र भूमि से वैसी शक्ति प्राप्त हो, ऐसी प्रार्थना करता हूं ! जिजा माता को प्रणाम एवं पू. भिडेगुरुजी का आभार मानता हूं !
पू. भिडे गुरुजी ने छत्रपति शिवाजी महाराजके विशेष गुण बताए । उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदीजी वर्तमान समयके कार्यक्रम के आमंत्रण को सगाई समझें । यथार्थ रूपमें विवाह तो आगे है । आगामी लोकसभा के चुनाव के उद्देश्यसे वे बोल रहे थे ।
गुरुजीने आगे कहा...
नरेंद्र मोदीको कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में रायगढ पर आमंत्रित करनेका प्रमुख उद्देश्य यह है कि जिस प्रकार शिवाजी महाराज ने हिंदवी स्वराज्य स्थापित किया, वही आदर्श आंखों के समक्ष रखकर नरेंद्र मोदीको कार्य करना चाहिए । उसी प्रकार उन्हें भी भवानी माता एवं छत्रपति शिवाजी महाराज का आशीर्वाद मिले । जिस प्रकार छत्रपति शिवाजी महाराज ने भारत माता के कुमकुम की रक्षा की वैसा ही नरेंद्र मोदी करें । छत्रपति शिवाजी महाराज स्वयं भारतमाता की रक्षा के छत थे; इसलिए वे छत्रपति हुए । वे भारतमाता की रक्षा के कवच थे । छत्रपति शिवाजी महाराज भारतमाता की रक्षा के लिए ही भूतल पर अवतीर्ण हुए थे । छत्रपति शिवाजी महाराज का उदाहरण सामने रखकर नरेंद्र मोदी कृत्य करें । हम आपमें ही श्रीकृष्ण एवं श्रीराम को देखते हैं । उन्होंने जो कार्य किया, वैसा ही आदर्श कार्य आप भी करें !
गढकोट उपक्रमका उद्देश्य बताते हुए उन्होंने कहा कि इस उपक्रमका मुख्य उद्देश्य है, इसके माध्यम से युवकों में हिंदवी स्वराज्यकी प्रेरणा जागृत हो तथा उन्हें स्फूर्ति मिले ।
गढकोट उपक्रमका उद्देश्य बताते हुए उन्होंने कहा कि इस उपक्रमका मुख्य उद्देश्य है, इसके माध्यम से युवकों में हिंदवी स्वराज्यकी प्रेरणा जागृत हो तथा उन्हें स्फूर्ति मिले ।
क्षणिकाएं
१. सभी धारकरी सवेरे से गढ पर चढते समय यशोगान (पोवाडे) एवं स्फूर्र्तिगीत लगाकर कहते हुए जा रहे थे । अतः गढपर जानेके पश्चात भी वे उत्साहपूर्ण थे ।
२. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष फडनवीस, विनोद तावडे, आनंद गीते उपस्थित थे ।
३. इस अवसरपर नरेंद्र मोदीने छत्रपति शिवाजी महाराजके मेघडंबरीके भी दर्शन लिए तथा छत्रपति शिवाजी महाराजकी समाधिको साष्टांग प्रणिपात किया ।
२. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष फडनवीस, विनोद तावडे, आनंद गीते उपस्थित थे ।
३. इस अवसरपर नरेंद्र मोदीने छत्रपति शिवाजी महाराजके मेघडंबरीके भी दर्शन लिए तथा छत्रपति शिवाजी महाराजकी समाधिको साष्टांग प्रणिपात किया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात