गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देहरादून में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के साथ बैठक में उत्तराखंड की प्राकृतिक आपदा के कारण हुई तबाही में बर्बाद प्रसिद्ध केदारनाथ तीर्थ परिसर का आधुनिक जीर्णोद्धार करने की जिम्मेदारी लेने का प्रस्ताव पेश किया। मोदी ने कहा कि करोड़ों भारतीयों की आध्यात्मिक आस्था के केन्द्र केदारनाथ तीर्थधाम के समग्र परिसर को आधुनिक तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए गुजरात तैयार है। केदारनाथ के मूल मन्दिर का निर्माण स्थानीय धार्मिक ट्रस्ट और राज्य सरकार द्वारा हो, इसके साथ ही केदारनाथ का समग्र परिसर आधुनिकतम तीर्थ क्षेत्र बने, इसकी विकास की जिम्मेदारी लेने को गुजरात तैयार है।
मोदी ने कहा कि उत्तराखंड की इस अभूतपूर्व महाविनाशक कुदरती आपदा के शिकार लोगों और राज्य सरकार की पीड़ा, व्यथा में गुजरात सम्पूर्ण सहभागी है और तमाम जरूरी सहायता करने को तत्पर है। उत्तराखंड की यह आपदा इतनी भयानक है कि इसके पुनरोत्थान के लिए तमाम मदद करने को पूरा देश तैयार है। यह मानवीय संवेदना की चुनौती है और गुजरात मानवता का धर्म अदा करने में पीछे नहीं रहेगा। आपदा से तबाह हुए क्षेत्रों के पुन:निर्माण और पुनर्वास के लिए गुजरात सरकार द्वारा स्थापित मॉडल व्यवस्था और नीतियों का अभ्यास कर स्थानीय जरूरतों के अनुरूप इसका उपयोग करने के लिए अधिकारियों की टीम गुजरात भेजने और नीतियों ,मार्गदर्शिका का अभ्यास करने का सुझाव दिया।
मोदी ने शनिवार को पूरा दिन उत्तराखंड के बाढ़, वर्षा प्रभावितों के साथ बिताया, इसकी भूमिका में कहा कि जो लोग लापता हैं अथवा जिनके पार्थिव देह की पहचान नहीं हो पा रही है उनकी डीएनए तकनीक द्वारा पहचान करवाने का सुझाव दिया। साथ ही कहा कि इनकी पहचान करने के लिए उनके शरीर की निशानियों और वस्तुओं की वीडियोग्राफी करवाई जानी चाहिए। तबाह क्षेत्रों में मलबा निकालने के लिए भारी पैमाने पर मानवशक्ति और टेक्नॉलॉजी का उपयोग करने का भी उन्होंने सुझाव दिया। मोदी ने कहा कि जहां भारी संख्या में लोग फंसे हैं उन्हें सुरक्षित बचाने के लिए आर्मी के हेलिकॉप्टर्स और अन्य लोगों को छोटे हेलिकॉप्टर्स का उपयोग किया जाना चाहिए।
इतनी बड़ी जल दुर्घटना के बाद जलजनित रोगों का फैलाव होने से रोकने के लिए भी मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने आज मेडिकल टीम, दवाइयां चिकित्सकीय साधनों के साथ प्रभावित इलाकों में भेजी है और जरूरत होने पर और ज्यादा मदद दी जाएगी। उत्तराखंड के सीएम विजय बहुगुणा ने इस विनाशक आपदा के समय गुजरात की ओर से की गई त्वरित मदद और मानवता धर्म निभाने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री और गुजरात की जनता का आभार जताया। इस बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल, उत्तराखंड के पूरव मुख्यमंत्री बीसी. खंडूरी, गुजरात के राहत आयुक्त पूनमचन्द परमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त अग्र सचिव एके. शर्मा, उत्तराखंड के मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर अब हिमालय की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ के पुनरुद्धार के मोदी के संकल्प पर उत्तराखंड और केंद्र सरकार का रुख देखना है। वैसे केदारनाथ धाम समिति के संत और उसके सदस्य पुनर्निर्माण पर फैसला लेंगे। चूंकि आपदा राहत कार्यो के बीच बाबा केदारनाथ को बसाने का सबसे पहला प्रस्ताव मोदी ने ही दिया है इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि उत्तराखंड या केंद्र की कांग्रेस शासित सरकारें क्या फैसला लेती हैं? करोड़ों देशवासियों की भावनाओं से जुड़े बाबा केदारनाथ के पुनरुद्धार की पेशकश को यूं ही ठुकराना उनके लिए आसान नहीं होगा। खुद ही केंद्र सरकार इसकी कमान संभाले या फिर कोई दूसरा रास्ता निकालेगी, यह देखना जरूर रोचक होगा।
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