राष्ट्रीय झंडे का अपमान करती कांग्रेस !



कभी कभी तो ये शक सा होने लगता है कि "हम अपने हिंदुस्तान में ही रहते हैं या फिर किसी और देश में ?"

इसका कारण यह है कि...... हमारे देश के सूचना प्रसारण मंत्रालय को यह तक मालूम नहीं है कि..... हमारे देश के झंडे के तीन रंग कौन-कौन से हैं.......?????

हालाँकि, इस सवाल का जवाब हमारे देश के बच्चे बच्चे को मालूम है कि.... हमारे राष्ट्रीय झंडे में - केसरिया, सफेद और हरा रंग है , लेकिन हमारा सूचना प्रसारण मंत्रालय ऐसा नहीं मानता है..!

कहानी कुछ यूँ है कि..... पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की बरसी पर सूचना प्रसारण मंत्रालय के टीवी ऐड में तथाकथित रूप से भारी चूक करते हुए तिरंगे का एक रंग गलत बताया गया है...।

मंत्रालय ने यह ऐड भारत निर्माण सीरीज के तहत 'सद्भाव-आइडिया ऑफ इंडिया' नाम से जारी किया है.... और, भ्रष्टाचार और महंगाई के शोर में दब गईं अपनी 'उपलब्धियों' को गिनाने के लिए सरकार भारत निर्माण ऐड कैंपेन पर हम जैसे टैक्स पेयर्स के 180 करोड़ रुपये फूंक रही है...।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक मिनट 38 सेकेंड के इस ऐड में देश के लोगों को सद्भाव की मिसालें देते हुए दिखाया गया है... और, ऐड के एक हिस्से में स्कूल में एक बच्ची को तिरंगे के रंगों के सहारे सद्भाव का उदाहरण देते हुए दिखाया गया। चूक यहीं पर ही है।

लेकिन.....यहां पर बच्ची को तिरंगे के तीन रंगों को ऑरेंज, वाइट और ग्रीन कहते हुए दिखाया गया है... जबकि.... सभी जानते हैं कि तिरंगे में ऑरेंज (नारंगी) रंग नहीं बल्कि सैफरन (केसरिया) होता है।

गौर करने कि बात यह है कि...... 22 जुलाई 1947 को देश के संविधान द्वारा अपनाए गए तिरंगे में सबसे ऊपर गहरा केसरिया, बीच में सफेद और सबसे नीचे गहरा हरा रंग बराबर अनुपात में है। झंडे की चौड़ाई और लंबाई का अनुपात 2:3 है। सफेद पट्टी के केंद्र में 24 तीलियों वाला गहरा नीले रंग का अशोक चक्र है, जिसका प्रारूप सारनाथ में स्थापित सिंह के शीर्षफलक के चक्र से लिया गया है।

नैशनल फ्लैग कोड में पूर्व राष्ट्रपति और जाने-माने शिक्षाविद् सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उद्धृत करते हुए केसरिया (सैफरन) रंग को त्याग और वैराग्य का प्रतीक बताया गया है... और, इसी तरह सफेद रंग प्रकाश और शांति के प्रतीक के रूप में लिया गया... जबकि.... हरा रंग प्रकृति से संबंध और संपन्नता दर्शाता है। इसके अलावा केंद्र में अशोक चक्र धर्म के 24 नियमों की याद दिलाता है।

लेकिन.... सबसे बड़ा सवाल यह है कि..... केसरिया को नारंगी रंग बताना .... बस एक मानवीय भूल है या फिर.... कोई साजिश ....????

क्योंकि.... पहले भी .... कई कांग्रेसियों द्वारा ..... केसरिया और भगवा रंग को आतंकवाद का प्रतीक बताया जाता रहा है....!

कहीं .... अपने तिरंगे झंडे में मौजूद केसरिया को नारंगी रंग बताना ....... मुस्लिम वोट पाने का नया तरीका ..... और, मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा तो नहीं है.....?????

जय महाकाल...!!!

Source:http://goo.gl/qoOyL
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