आखिरकार राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर को चलती बस में गैंगरेप की घटना के तेरह दिन बाद पीड़ित जिदंगी की जंग हार गई। पीड़ित ने शुक्रवार देर रात सवा दो बजे सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में आखरी सांस ली।
इस पूरे घटनाक्रम पर एक नजर :-
वसंत विहार गैंगरेप: 16 दिसंबर से अब तक
16 दिसंबर-
-वसंत विहार में रात साढ़े 9 बजे चार्टर्ड बस में एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म व उसके दोस्त की पिटाई।
-रात को ही युवती को सफदरजंग अस्पताल में दाखिल कराया गया।
17 दिसंबर-
-पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया।
18 दिसंबर-
-घटना का पता चलने पर लोगों ने वसंत विहार थाने के बाहर किया प्रदर्शन।
-घटना का पता चलने पर दिल्ली उच्च न्यायालय की महिला वकीलों के एक दल ने उच्च न्यायालय से की मामले में स्वत: संज्ञान लेने की अपील।
-पीड़िता की हालत बिगड़ी और उसकी दो सर्जरी की गई।
-पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपी रामसिंह को गिरफ्तार कर साकेत कोर्ट में पेश किया और उसे पांच दिन के पुलिस रिमांड पर लिया।
19 दिसंबर-
-पुलिस ने गैंगरेप के तीन आरोपियों विनय, पवन और मुकेश को गिरफ्तार कर साकेत कोर्ट में पेश किया।
-अदालत में विनय और पवन ने अपनी गलती स्वीकार की और विनय ने अपने लिये फांसी की सजा की मांग की।
-गैंगरेप पीड़िता के दोस्त ने अदालत में अपने बयान दर्ज कराए
-वसंत विहार गैंगरेप मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस से मामले की रिपोर्ट मांगी और घटना के दौरान बस के रास्ते में पड़ने वाले तीन पुलिस नाकों पर तैनात रहे पुलिसकर्मियों की सूची और उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट दो दिन में मांगी।
-गैंगरेप की घटना को लेकर लोगों ने जंतर-मंतर व विभिन्न जगहों पर किया प्रदर्शन।
20 दिसंबर-
-तिहाड़ जेल में गैंगरेप के आरोपी मुकेश की शिनाख्त परेड कराई गई।
-लोगों ने जंतर-मंतर, इंडिया गेट और विभिन्न जगहों पर किया प्रदर्शन।
21 दिसंबर-
-दिल्ली हाईकोर्ट में गैंगरेप को लेकर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट दाखिल की।
-हाईकोर्ट ने रिपोर्ट से असहमति जताते हुए घटना वाली रात ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के नाम कमिश्नर से मांगे।
22 दिसंबर-
-युवती की हालत में सुधार होने पर एसडीएम ने अस्पताल में जाकर बयान दर्ज किए।
-राष्ट्रपति भवन का प्रदर्शनकारियों ने किया घेराव
-पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले भी छोड़े। प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी भी की।
-प्रदर्शन के दौरान पुलिस के हमले से 70 लोग घायल।
-प्रदर्शनकारियों ने सरकारी वाहनों से की तोड़-फोड़
23 दिसंबर-
-मामले के आरोपियों की पिटाई के लिये साकेत कोर्ट में एकत्र हुई हजारों की भीड़।
-पुलिस ने आरोपियों को चोरी छिपे पेश किया
-रविवार को इंडिया गेट पर गैंगरेप के विरोध में प्रदर्शन कर रहे युवकों पर पुलिसकर्मियों में मारपीट
-इसी दौरान प्रदर्शनकारियों का पीछा कर रहा कांस्टेबल सुभाष तोमर गिर गया और उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया।
24 दिसंबर-
-पुलिस ने गैंगरेप के मामले में बाकी के दो आरोपियों अक्षय और राजू को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया।
-इंडिया गेट पर हुए बलवे को लेकर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बलवा करने, सरकारी कर्मचारी पर हमला करने, हत्या का प्रयास व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में तिलक मार्ग थाना में केस दर्ज किया और आठ लोगों को गिरफ्तार किया।
-सभी आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिल गई।
-एसडीएम ने बयान दर्ज करने के दौरान पुलिस की डीसीपी छाया शर्मा व दो एसीपी पर व्यवधान डालने का आरोप लगाया। मंडल आयुक्त ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भेजी।
-गैंगरेप के आरोपी राम सिंह की तिहाड़ में कैदियों ने पिटाई की।
25 दिसंबर-
-जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रही युवतियों को संसद मार्ग की ओर जाने पर पुलिस ने हिरासत में लिया और चार घंटे के बाद रिहा किया।
-अस्पताल में दाखिल दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल सुभाष तोमर ने दम तोड़ा।
-निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ हुआ दाह संस्कार
-पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के हमले से हुई कांस्टेबल की मौत
26 दिसंबर-
-आरएमएल के चिकित्सा अधीक्षक ने मीडिया को बताया कि कांस्टेबल के शरीर पर नहीं था कोई चोट का निशान। उसकी मौत हार्ट अटैक के कारण हुई।
-पुलिस अपने बयान पर अड़ी और क्राइम ब्रांच ने चिकित्सा अधीक्षक को नोटिस भेजा।
-पीड़िता की हालत बिगड़ी और उसे एयर एम्बुलेंस के जरिये सिंगापुर स्थित माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भेजा गया
27 दिसंबर-
-पीड़िता की हालत और अधिक बिगड़ी
-सिंगापुर के डाक्टरों द्वारा जांच के दौरान पीड़िता के सिर में गंभीर दिमागी चोट पाई गई।
-सामूहिक दुष्कर्म के विरोध में छात्राओं ने निजामुद्दीन में नीला गुंबद के पास प्रदर्शन कर पैदल मार्च निकाला
-पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म के छठे आरोपी को अदालत से एक दिन के रिमांड पर लिया ताकि वारदात के समय के उसके कपड़े बरामद किए जा सके।
28 दिसंबर-
-चिकित्सकों ने लंदन के एक विशेषज्ञ डाक्टर को पीड़िता की जांच के लिये बुलाया।
-देर शाम पीड़िता की हालत बेहद नाजुक हुई।
-इंडिया गेट पर धारा 144 लगाकर रास्ते बंद करने की पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर
-जंतर-मंतर पर लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना के विरोध में प्रदर्शन किया
29 दिसंबर
- रात सवा दो बजे पीड़िता ने दम तोड़ दिया
- पूरे दिल्ली में हाई अलर्ट
पीड़ित को सिंगापुर भेजने की बात लोगों के गले नहीं उतर रही !
गैंगरेप पीड़िता की मौत ने अब ढेरों सवाल पैदा कर दिए हैं। तरह-तरह के सवाल और अफवाहों का बाजार गर्म है। पूरे देश को हिला देने वाली इस घटना पर सबकी खास नजर बनी हुई है। मीडिया और जनमानस में ये सवाल उठ रहे हैं कि पीड़िता को सिंगापुर इलाज कराने ले जाने के पीछे सरकार की मंशा क्या थी?
डॉक्टर भी अब सिंगापुर इलाज के नाम पर तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं। विशेषज्ञों ने सवाल किया है कि आंतों का ट्रांसप्लांट अभी कई महीनों दूर था फिर सिंगापुर जाने की इतनी जल्दी क्या थी। मुख्य मुद्दा अभी उसकी तबीयत को स्थिर रखने का था। हवाई सफर के दौरान हालत और खराब होने की पूरी उम्मीद रहती है। गौरतलब है कि पीड़िता को हवाई सफर के दौरान दिल का दौर पड़ा था।
डॉक्टरों के मुताबिक, दुनिया में सबसे बेहतरीन ट्रांसप्लांट सेंटर वैसे भी पिट्सबर्ग और टोरंटो में हैं।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार सफदरजंग अस्पताल में भर्ती 23 वर्षीय गैंगरेप पीड़िता को इलाज के लिए सिंगापुर भेजने के पीछे मेडिकल कारण कम और राजनीतिक कारण ज्यादा नजर आ रहे हैं। अखबार के अनुसार जब सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीड़िता को सिंगापुर शिफ्ट करने का फैसला लिया गया तो इलाज कर रहे डॉक्टरों से बस इतना पूछा गया कि क्या पीड़िता सिंगापुर जाने की स्थिति में है? सरकार ने इलाज कर रहे डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम से यह नहीं पूछा कि सिंगापुर शिफ्ट किया जाए या नहीं? या फिर वहां दिल्ली से बेहतर किस मामले में इलाज होगा।
सिंगापुर भेजने से पहले पीड़िता को पड़ा था दिल का दौरा !
जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही दुष्कर्म पीड़ित युवती को बेहतर इलाज के लिए बुधवार देर रात आईजीआई एयरपोर्ट से सिंगापुर के लिए रवाना कर दिया गया। सफदरजंग अस्पातल से उसे रात करीब ग्यारह बजे एयरपोर्ट पर पहुंचाया गया। डोमेस्टिक एयरपोर्ट से रात करीब 11.35 बजे क्लब-वन के चार्टर्ड विमान ने सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल के लिए उड़ान भरी।
युवती के माता-पिता भी उसके साथ हैं। केंद्र सरकार ने सिंगापुर स्थित भारतीय उच्चायोग को पीड़िता के इलाज में हरसंभव मदद करने का आदेश दिया है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक मंगलवार रात करीब 12 बजे पीड़ित को गंभीर दिल का दौरा पड़ा। इसके बाद से वह करीब 22 घंटे से बेहोश है। उसे जीवन रक्षक उपकरणों के सहारे रखा गया है। बुधवार को दिन भर मरीज के बारे में आधिकारिक बयान नहीं दिया गया। रोजना साढ़े चार बजे का मेडिकल बुलेटिन भी जारी नहीं किया गया। इससे कई प्रकार की अटकलें और व्यवस्था विरोधी माहौल बना रहा।
बुधवार रात 10.30 बजे जब एम्स ट्रामा सेंटर के प्रमुख डा. एमसी शर्मा से दैनिक जागरण ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि मंगलवार रात युवती को दिल का दौरा पड़ा था। वह करीब 22 घंटे से बेहोश है। उसे नींद की दवाएं दी गई हैं। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक दिल का दौरा पड़ने पर वेंटिलेटर का सपोर्ट बढ़ा दिया गया था। उधर, बुधवार शाम पांच बजे से रात आठ बजे तक पीड़ित के माता-पिता के साथ अस्पताल के डाक्टरों व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की लंबी बातचीत चली।
सुबह में मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डा. नरेश त्रेहन पीड़ित की जांच करने सफदजंग अस्पताल पहुंचे। उन्होंने डाक्टरों की टीम को बताया कि उसकी स्थिति बेहद नाजुक है। तब अस्पताल प्रशासन व सरकार नींद से जागे। पीड़ित युवती व उसके माता-पिता व परिजनों का पहले से पासपोर्ट व वीजा नहीं था। एक ही दिन में पासपोर्ट वीजा तैयार किया गया। इसके बाद रात करीब 10:35 बजे एक साथ तीन एंबुलेंस सफदरजंग अस्पताल से निकलीं। युवती को मेदांता के एंबुलेंस में एयरपोर्ट ले जाया गया। इस दौरान गुड़गांव जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ पर यातायात को रोक दिया गया था। जबकि मीडिया का ध्यान भटकाने के लिए दो एंबुलेंस गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल गई।
रात 11.46 बजे बयान जारी कर सफदरगंज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. बीडी अथानी ने बताया कि युवती को 16 दिसंबर की रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां सफदरजंग अस्पताल, एम्स व जीबी पंत अस्पताल के बेहतरीन डाक्टरों ने इलाज किया। उसकी तीन सर्जरी की गई है। डाक्टरों की टीम ने उसे बेहतर इलाज के लिए विदेश भेजने का फैसला किया। भारत सरकार ने एयर एंबुलेंस उपलब्ध कराई और अन्य व्यवस्था की। सिंगापुर का माउंट एलिजाबेथ अस्पताल गंभीर मामलों के इलाज में डाक्टरों को महारत हासिल है। युवती की आंत पूरी तरह निकाली जा चुकी है। यहां पर आंत ट्रांसप्लांट की भी व्यवस्था है। डाक्टरों के मुताबिक चार्टर्ड विमान में पीड़ित के माता-पिता सहित चार परिजन, डा. नरेश त्रेहन, डा. यतीन मेहता सहित दस लोग गए हैं। हालांकि डा. त्रेहन के जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। डाक्टरों के मुताबिक पीड़ित के शरीर में आंतरिक रक्तस्त्राव बढ़ गया है। प्लेटलेट्स की मात्रा घट गई है व बिलरुबिन की मात्रा भी बढ़ गई है। रक्त में काफी संक्त्रमण है।
दोपहर से ही चल रही थी तैयारी
बताया जा रहा है कि विमान को एयर एंबुलेंस बनाने के लिए एयरपोर्ट पर दोपहर बाद से ही तैयारियां चल रही थीं। इसी दौरान विदेश जाने के लिए युवती व उसके परिजनों सहित डाक्टर व अधिकारियों का पासपोर्ट-वीजा भी तैयार करवाया गया। पीड़ित युवती के एयरपोर्ट पर पहुंचने से पहले ही सभी एजेंसियों ने तैयारियां पूरी कर रखी थीं। जैसे ही अस्पताल की एंबुलेंस एयरपोर्ट पहुंची युवती व अन्य सदस्यों को तुरंत चार्टर्ड विमान में पहुंचा दिया गया।
टॉप सीक्रेट था सरकार का 'ऑपरेशन सिंगापुर'
सफदरजंग अस्पताल में नाजुक हालत में भर्ती दुष्कर्म पीड़ित युवती को इलाज के लिए सिंगापुर भेजे जाने के मामले को एजेंसियों ने टॉप सीक्रेट रखा हुआ था। ऑपरेशन सिंगापुर के मामले में किसी भी अधिकारी को मुंह न खोलने की सख्त हिदायत दी गई थी। इससे अंतिम समय तक लोगों को पता नहीं चला सका कि पीड़ित को कहा ले जाया जा रहा है।
मीडिया भी सफदरजंग अस्पताल से एंबुलेंस का पीछा करते हुए आइजीआइ एयरपोर्ट पहुंची। तब खुलासा हुआ कि उसे सिंगापुर भेजा जा रहा है। एयरपोर्ट के अधिकारियों को भी अंतिम समय में सूचना दी गई। एंबुलेंस जब रास्ते में थी तब अधिकारियों को बताया गया कि एयर एंबुलेंस में तब्दील क्लब वन एयर की चार्टर्ड फ्लाइट डोमेस्टिक टर्मिनल वन-डी से उड़ान भरेगी। उधर, छह घंटे के भीतर पीड़िता सहित उसके साथ जाने वाले दस लोगों के पासपोर्ट-वीजा जुटाए गए। एयरपोर्ट सूत्रों ने बताया कि क्लब वन फ्लाइट में जीवन रक्षक प्रणाली पहले से ही लगा दी गई थी। पीड़िता के आने पर उसमें सिर्फ आक्सीजन गैस सिलेंडर, जरूरी मेडिकल उपकरण व दवाइयां रखी गई।
मालूम हो कि दुष्कर्म पीड़ित युवती को बेहतर इलाज के लिए बुधवार देर रात सिंगापुर भेजा गया था। क्लब-वन एयर के 16 सीट वाले चार्टर्ड विमान में पीड़ित युवती के साथ दस लोग विदेश गए। इनमें पीड़िता के माता-पिता सहित चार परिजन, सफदरजंग आइसीयू के इंचार्ज डॉ. पीके वर्मा व डॉ. यतीन के अलावा सरकार व अन्य एजेंसियों के तीन अधिकारी मौजूद थे। विमान को एयर एंबुलेंस का रूप देने के लिए एयरपोर्ट पर दोपहर बाद से ही तैयारियां चल रही थीं।