"आपने अंग्रेजी स्पाइडरमैन तो बहुत देखा होगा जो टेढ़ी-सीधी दीवारों पर कूदता है, जिसे किसी भी जगह पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होती और जो अपने अनोखे करतबों से देखने वालों को हैरान कर देता है |"
लेकिन अगर आप सोचते हैं कि बेजोड़ तकनीक और आधुनिक सुविधाओं में लैस हॉलिवुड में ही ऐसे कारनामें संभव हैं तो आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि भारत के पास भी अपना एक स्पाइडरमैन है जो बॉलिवुड या हॉलिवुड से नहीं बल्कि कर्नाटक के एक छोटे से गांव से संबंध रखता है | जिसके पास ना तो हाईटेक सुख-सुविधाएं है और ना ही प्रचार का कोई माध्यम. इतना ही नहीं उसे अंग्रेजी स्पाइडरमैन की भांति किसी मकड़े के काटने का इंतजार भी नहीं करना पड़ा| इन सब के बावजूद, अपने प्राकृतिक टैलेंट के कारण आज यह भारतीय स्पाइडरमैन आसपास के इलाकों और शहर में घूमने आने वाले सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है |
कर्नाटक के चित्रदुर्ग फोर्ट में रहने वाले ज्योति राज के रूप में भारत को अपना देसी सुपर हीरो या स्पाइडरमैन मिल गया है| 25 वर्षीय ज्योति राज बिना किसी परेशानी या फिर सहायता के किले की दीवार पर चढ़ जाते हैं| उनके इस अनोखे और साहसपूर्ण कारनामे को देखने के लिए भीड़ इकट्ठी हो जाती है| जब ज्योति राज हाथ के बल दीवार पर चढ़ने लगते हैं तो दर्शकों की आंखें फटी की फटी रह जाती हैं|
ज्योति राज बड़ी सहजता के साथ 300 मीटर की ऊंचाई वाली किले की दीवार पर चढ़ जाते हैं| उन्हें ना तो डर लगता है और ना ही कोई मुश्किल होती है| किले में आने वाले पर्यटकों के लिए ज्योति राज एक हैरानी और जिज्ञासा का विषय बन गए हैं. कोई भी यह समझ नहीं पाता कि इतनी ऊंची दीवार पर बिना किसी परेशानी या सपोर्ट के कोई आम व्यक्ति चढ़ भी कैसे सकता है|

