!! मंदिर में जाने से पहले
आखिर क्यों बजाते है घंटी !!
हिंदू
धर्म से जुड़े प्रत्येक मंदिर और धार्मिक स्थलों के बाहर आप सभी ने बड़े-बड़े घंटे
या घंटियां लटकी तो अवश्य देखी होंगी जिन्हें मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्त
श्रद्धा के साथ बजाते हैं | लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि इन घंटियों को
मंदिर के बाहर लगाए जाने के पीछे क्या कारण है या फिर धार्मिक दृष्टिकोण से इनका
औचित्य क्या है?
असल में प्राचीन समय से ही देवालयों और
मंदिरों के बाहर इन घंटियों को लगाया जाने की शुरुआत हो गई थी | इसके पीछे यह मान्यता है कि जिन स्थानों पर घंटी की आवाज नियमित तौर पर
आती रहती है वहां का वातावरण हमेशा सुखद और पवित्र बना रहता है और नकारात्मक या
बुरी शक्तियां पूरी तरह निष्क्रिय रहती हैं |
यही वजह है कि सुबह और शाम जब भी मंदिर
में पूजा या आरती होती है तो एक लय और विशेष धुन के साथ घंटियां बजाई जाती हैं
जिससे वहां मौजूद लोगों को शांति और दैवीय उपस्थिति की अनुभूति होती है |
लोगों का मानना है कि घंटी बजाने से
मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है जिसके बाद
उनकी पूजा और आराधना अधिक फलदायक और प्रभावशाली बन जाती है |
पुराणों के अनुसार मंदिर में घंटी
बजाने से मानव के कई जन्मों के पाप तक नष्ट हो जाते हैं. जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ
तब जो नाद (आवाज) गूंजी थी वही आवाज घंटी बजाने पर भी आती है. उल्लेखनीय है कि यही
नाद ओंकार के उच्चारण से भी जागृत होता है |
मंदिर के बाहर लगी घंटी या घंटे को काल
का प्रतीक भी माना गया है. कहीं-कहीं यह भी लिखित है कि जब प्रलय आएगा उस समय भी
ऐसा ही नाद गूंजेगा |
मंदिर में घंटी लगाए जाने के पीछे ना
सिर्फ धार्मिक कारण है बल्कि वैज्ञानिक कारण भी इनकी आवाज को आधार देते हैं | वैज्ञानिकों का कहना है कि जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन
पैदा होता है, जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है. इस
कंपन का फायदा यह है कि इसके क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं, जिससे
आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है |
इसीलिए अगर आप मंदिर जाते समय घंटी
बजाने को अहमियत नहीं देते हैं तो अगली बार प्रवेश करने से पहले घंटी बजाना ना
भूलें |
source : http://goo.gl/cByGy